औसत खुदरा मुद्रास्फीति 2017-18 में 6 साल के निचले स्तर पर : आर्थिक समीक्षा

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नई दिल्ली। देश में 2017-18 में औसत खुदरा मुद्रास्फीति 2017-18 में घटकर छह साल के निचले स्तर 3.3 प्रतिशत पर आ गई है। संसद में आज पेश आर्थिक समीक्षा 2017-18 में यह जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि इससे अर्थव्यवस्था अधिक स्थिर मूल्य व्यवस्था की ओर बढ़ रही है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में आर्थिक समीक्षा पेश की। नरेंद्र मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट 1 फरवरी को पेश होगा। समीक्षा में कहा गया है कि मुद्रास्फीति पर अंकुश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। 2017-18 में मुद्रास्फीति के नीचे आने का सिलसिला कायम रहा।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इस अवधि में औसतन 3.3 प्रतिशत रही, जो पिछले छह वित्त वर्षों का निचला स्तर है। मुद्रास्फीति में गिरावट व्यापक रूप से जिंस समूहों में रही है। केवल आवास, ईंधन और लाइट क्षेत्र में मुद्रास्फीति बढ़ी है।

समीक्षा में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में मु्द्रास्फीति में गिरावट खाद्य मुद्रास्फीति के अनुकूल रहने का संकेतक है, जो इस दौरान शून्य से 2.1 प्रतिशत नीचे से लेकर 1.5 प्रतिशत तक रही। इसकी वजह बेहतर कृषि उत्पादन और सरकार द्वारा नियमित रूप से मूल्यों की निगरानी है।

समीक्षा में कहा गया है कि यदि हम 2017-18 में राज्यवार मुद्रास्फीति को देखें तो इस अवधि में 17 राज्यों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति चार प्रतिशत से कम रही है।