चारा घोटाला : तीसरे केस में भी लालू दोषी करार, ट्रेजरी से निकाले 33.67 करोड़

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रांची/पटना। चारा घोटाले से जुड़े तीसरे केस में बुधवार को लालू प्रसाद को दोषी करार दिया। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने चाईबासा ट्रेजरी से अवैध तरीके से निकाले गए 33.67 करोड़ रुपए मामले में यह फैसला सुनाया।

इससे पहले वे देवघर ट्रेजरी केस और चाईबासा ट्रेजरी के एक और केस में दोषी करार दिए जा चुके हैं। कोर्ट ने बिहार के एक और पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र को भी दोषी माना है। खास बात ये है देवघर ट्रेजरी केस में जगन्नाथ मिश्र भी आरोपी थे, लेकिन तब उन्हें बरी कर दिया गया था।

क्या है चाईबासा ट्रेजरी मामला?
चाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र पर 33.67 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी। 1996 में केस दर्ज हुआ। कुल 76 आरोपी थे। सुनवाई के दौरान 14 आरोपियों का निधन हो गया। दो आरोपी सुशील कुमार झा और प्रमोद कुमार जायसवाल ने जुर्म कबूल लिया। तीन आरोपियों दीपेश चांडक, आरके दास और शैलेश प्रसाद सिंह को सरकारी गवाह बना दिया गया।

इस घोटाले में कौन-कौन बड़े नाम शामिल हैं?
लालू यादव के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र, विद्यासागर निषाद, जगदीश शर्मा, ध्रुव भगत और आर के राणा के अलावा तीन पूर्व आईएएस अफसर फूलचंन्द्र सिंह, महेश प्रसाद, सजल चक्रवर्ती और एक ट्रेजरी अधिकारी आरोपी है। इसके अलावा 56 आरोपियों में 40 सप्लायर भी हैं।

लालू फिलहाल कहां हैं?
लालू प्रसाद यादव रांची के सिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। चारा घोटाला के देवघर ट्रेजरी से जुड़े केस में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 23 दिसंबर को दोषी माना था। बाद में लालू को साढ़े तीन साल की जेल हुई। इसके अलावा कोर्ट ने उन पर 10 लाख का जुर्माना लगाया।

लालू ने पिछली सुनवाई में जज से क्या कहा था?
– लालू प्रसाद और सीबीआई के स्पेशल जज शिवपाल सिंह के बीच करीब आधे घंटे बातचीत हुई थी। लालू ने दुखड़ा रोया, वहीं जज ने कई नसीहतें दीं थीं।
लालू: हुजूर, जेल में हमको लगातार टॉर्चर किया जा रहा है। आपके सौजन्य से सिर्फ तीन लोगों को ही मिलने दिया जाता है।
जज:आपकी सुविधा के लिए तो वहां भी आदमी चले गए। फॉलोअर्स आपको गड़बड़ाता है, लिमिट में रहिएगा तो ठीक रहेगा।
लालू:हमलोग जननेता हैं। 20 लाख लोग हमेशा हमारे साथ मार्चकरता है। अगर लालू भाग जाएगा, तो नरसंहार हो जाएगा।
जज: जो बात नहीं बोलनी चाहिए, उसे नहीं ही बोलिए। लोग हमसे पूछते हैं कि आप सुरक्षा क्यों नहीं लेते। हम कहते हैं, मेरी रक्षा तो लालू जी ही करते हैं।
लालू: हुजूर, इस केस में ढाई साल से ज्यादा सजा मत दीजिएगा। आपको तो अपना वकील होने का सर्टिफिकटे भी दिए थे, लेकिन तीन के बदले साढ तीन साल सजा दे दिए।
जज: यही तो आप गड़बड़ करते हैं, पहले ही बोल देते हैं। किसे कितना सजा देंगे, यह हमें भी पता नहीं रहता है।
लालू: जेल से बाहर होते तो आपको भी दही-चूड़ा खिलाते। पूरे पटना को संक्रांति में दही चूड़ा खिलाते हैं।
जज: दही-चूड़ा का इंतजाम यहीं करा देंगे। चिंता मत कीजिए।
लालू:ई आपका डिपार्टमेंट नहीं न है हुजूर, दही तो यादवे रखता है। जेल में भी बिहार से इतना दही चूड़ा आ गया है कि सब कैदी को हम खिला रहे हैं।
जज: चुप। लालू : हुजूर, आप जो ओपन जेल का आदेश दिए हैं, वहां कैसे जाएंगे। हम कउनो हार्डकोर क्रिमिनल या नक्सली हैं? मैनुअल मंगा के पढ़ लीजिए। वहां खिड़की-दरवाजा टटूल है। गाय गोरू चरते रहता है।
जज: इसीलिए तो आपको वहां भेजना चाहते हैं। आप रहेंगे, तो वहां की सारी व्यवस्था ठीक हो जाएगी। परिवार के साथ रहिएगा, कोई दिक्कत नहीं होगी। आप क्लेम करिएगा, तब न सरकार आपको वहां भेजेगी।
लालू:आपको कौन फोन करता है, हम नहीं जानते। हम किसी एसडीओ, एसडीएम को नहीं बोले हैं और न ही जानते हैं।
जज: फोन तो हुआ है। फिर बात को घुमाते हुए, जालौन के एसडीएम ने फोन किया था, वह बर्खास्त हो गया है।

लालू पर चल रहे हैं 6 केस
– आरजेडी चीफ पर चारा घोटाले के 6 केस चल रहे हैं।
– चाईबासा कोषागार (ट्रेजरी) से 37.70 करोड़ रु. की फर्जी तरीके से निकासी के अन्य मामले में लालू को अक्टूबर 2013 में 5 साल की सजा सुनाई थी। उन्हें बाद में हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी।