वेस्ट के उपयोग की तकनीक को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगाः प्रो. कौशिक

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कोटा। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके कौशिक ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों में वेस्ट मेटेरियल कोटा स्टोन स्लरी तथा प्लास्टिक को निर्माण कार्यों में सदुपयोगी बनाने की तकनीक को शामिल करेगा। 

वे इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स तथा राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित सड़क विकास पर नेशनल सेमिनार के दूसरे दिन रविवार को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में तकनीक सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। 

कौशिक ने कहा कि पूर्व में 2008 मे ही डिजीटल तकनीक की बात करना शुरू किया तो आज ये क्रांतिकारी विषय हो गया है। कोटा में केबल स्टेड ब्रिज फेल हुआ है, लेकिन असफलता से ही सीखा जाता है और शोध के बल ही निरंतर विकास किया जा सकता है।कॅरियर पाइंट यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. डीएन राव ने कहा कि इंजीनियरिग के विकास से ही सड़कों की गुणवत्ता आई है। उन्होंने सड़क सुरक्षा की जरूरत पर जोर दिया।

प्रो. एचडी चारण ने कहा कि सड़कें विकास की ही नहीं हर व्यक्ति की लाइफ लाइन है। उन्नत सड़कें सुरक्षित सड़कें विकास का दर्पण है। इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स के चेयरमेन सीके एस परमार ने रिसर्च की सड़कों के विकास में अहम भूमिका है।

हमें रीति रिवाजों से परे नई सड़क बनानी होगी। प्रो. वीसी राजीव गुप्ता, पूर्व मुख्य अभियंता पीके जैन, कार्यक्रम संयोजक धीरेन्द्र माथुर, प्रो. बीपी सुनेजा ने भी सेमिनार को संबोधित किया। तकनीकी सत्रों में प्रो. ओपी छंगाणी, निशांत सचदेवा ने तकनीकी सत्र में अपने शोध पत्र पढ़े।

राजस्थान परमाणु बिजलीघर के पूर्व स्थल निर्देशक सीपी झाम्ब, कोटा सिटीजन काउंसिल के अघ्यक्ष एलसी बाहेती, आरटीयू के वीसी कोऑडिनेटर प्रो. सीडी प्रसाद ने सेमिनार के आयोजन में सहयोगियों का आभार जताया। मंच संचालन सचिव जसमत सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिए गए।

केबल स्टेड ब्रिज का दौरा किया
विशेषज्ञ इंजीनियर्स के दल ने दोपहर को चम्बल पर केबल स्टेड ब्रिज की तकनीक का अध्ययन किया। देश में कई शहरों में केबल स्टेड ब्रिज निर्माण में भागीदार इंजीनियर्स आरके श्रीवास्तव ने इसकी तकनीकी जानकारियां उपलब्ध कराई।