टूरिस्ट सिटी के नाम से वर्ल्ड में जाना जाएगा कोटा : सांसद बिरला

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कोटा। शहर में प्रदेश का सबसे बड़ा बायोलॉजिकल पार्क बनेगा। मुकंदरा में टाइगर बसने के बाद बड़ी संख्या में पर्यटक कोटा आएंगे। पर्यटकों को बोट सफारी की भी सुविधा मिलेगी।

सांसद ओम बिरला ने बताया कि बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों के साथ हैरिटेज अभेड़ा महल देखने को मिलेगा। सीजेडए की गाइड लाइन के तहत 121 हैक्टेयर में बायोलॉजिकल पार्क बनेगा। 40 करोड़ रुपए खर्च होंगे। दो फेज में बनने वाले पार्क के लिए केंद्र सरकार ने 20 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इसमें से 10 करोड़ रुपए वन्यजीव विभाग को मिले हैं।

सांसद ने बताया कि वन्यजीव विभाग व यूआईटी पार्क को डवलप करेंगे। जिसके लिए प्लानिंग तैयार हो गई है। फर्स्ट फेज में यूआईटी 20 से 22 एनक्लोजर व पाथ -वे बनाएगा। साथ ही नांता चौराहे से करणी माता मंदिर तक बाइपास रोड बनेगा। सांसद ने कहा पार्क के चारों ओर साढ़े तीन किलोमीटर की सुरक्षा दीवार बन चुकी हैं।

उन्होंने बताया कि फिलहाल 32 हेक्टेयर में 400 मीटर चौड़ाई में 10 हजार पौधों की ग्रीन बेल्ट विकसित की जा रही हैं। जो ट्रेचिंग ग्राउंड के प्रदूषण को रोकेगी। वर्ष 1905 में स्थापित हुआ रियासतकालीन कोटा चिड़ियाघर वर्ष 2018 अंत तक अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट होगा। दो महीने बाद यूआईटी एनक्लोजर बनाने का काम शुरु करेगा। 

वन्यजीव विभाग के डीसीएफ सुनिल चिद्री बताया कि इसके बाद जू के वन्यजीवों को अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किया जाएंगे। 40 करोड़ की लागत से बनने वाले बायोलॉजिकल पार्क के निर्माण के लिए तीन दिन में यूआईटी टेंडर जारी करेगा। 

इससे पहले सांसद ने शनिवार शाम को वन्यजीव विभाग के अधिकारियों की मीटिंग ली। मीटिंग में वन्यजीव विभाग से एसीएफ शैलेंद्र सिंह यादव, यूआईटी से कार्यवाहक एसई महेश गोयल, रेंजर तेजपाल मीणा मौजूद रहे।

इन सुविधाओं पर खर्च होगा बजट
डीपीआर, एस्टीमेट व ड्राइंग पर 20 लाख रुपए, 44 एनक्लोजर निर्माण पर 11.85 करोड़, बिल्डिंग (प्रशासनिक व आवासीय ब्लॉक) पर 9 करोड़, नेचर इंटरप्रेटेशन सेंटर 1 करोड़, वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर व स्टोर टैंक 1 करोड़, ग्रीन बेल्ट व लैंडस्केपिंग 1.25 करोड़, सीसीटीवी कैमरा, कंप्यूटर व वायरलैस सिस्टम पर 1.50 करोड़ खर्च होंगे।

इसी तरह वेटनरी हॉस्पिटल कॉम्पलेक्स 1 करोड़, रोड वर्क व बाउंड्री वाल फेसिंग 3.80 करोड़, पर्यटकों के लिए सुविधाओं पर 1 करोड़, टूरिस्ट के लिए बैट्री से चलने वाले वाहन, ऑफिसर व स्टाफ के लिए वाहन 60 लाख, वाटर सप्लाई 1.05 करोड़ समेत अन्य कार्यों पर 40 करोड़ रुपए खर्च होंगे।