नई दिल्ली। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च अगले वित्त वर्ष के लिए ने देश की इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़कर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। इस साल के लिए यह अनुमान 6.5 फीसदी है। कंजम्प्शन डिमांड बढ़ने और कमोडिटी की कीमतें नीचे रहने से इकोनॉमिक ग्रोथ को तेजी मिलेगी।
इंडिया रेटिंग्स ने 2018-19 के अपने आउटलुक में कहा है कि जीएसटी और इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) जैसे स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स के चलते ग्रोथ में धीरे-धीरे तेजी आएगी।
फिच रेटिंग्स की सब्सिडियरी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा है कि जीएसटी का असर इकोनॉमी पर मीडियम टर्म से लॉन्ग टर्म में हो सकता है। हालांकि, नोटबंदी के इम्पैक्ट के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता है।
इंडिया रेटिंग्स ने साल दर साल आधार पर 2018-19 में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। यह एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) और इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) के 7.4 फीसदी के अनुमान से कम है।
रिटेल महंगाई 4.4% रहने का अनुमान
इंडिया रेटिंग्स ने अनुसार, ग्लोबल मार्केट में क्रूड की कीमतों में तेजी का असर महंगाई पर भी होगा। 2018-19 में रिटेल महंगाई 4.6 फीसदी और थोक महंगाई 4.4 फीसदी रह सकती है।
अनुमान से ज्यादा राजकोषीय घाटा
एजेंसी का कहना है कि 2017-18 में फिस्कल डेफिसिट (राजकोषीय घाटा) 3.5 फीसदी रह सकता है। यह 3.2 फीसदी के बजट अनुमान से ज्यादा है। ऐसा अनुमान है कि प्री-इलेक्शन बजट साल होने के बावजूद 2018-19 आम बजट बहुत अधिक लोकलुभावन नहीं होगा। हालांकि, इस बात की उम्मीद है कि रूरल और एग्रीकल्चर सेक्टर पर सरकार खर्च बढ़ा सकती है।