बॉक्सिंग में वर्ल्ड जूनियर गोल्ड मैडल जीतने पर अरुंधति का स्वागत

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कोटा। यूक्रेन और सर्बिया में आयोजित वर्ल्ड जूनियर जीतने वाली कोटा की बेटी अरुंधति का यहाँ पहुंचने पर नयापुरा स्टेडियम से यूआईटी तक जुलूस निकाला गया। उसे फूल मालाओं से लाद दिया।  सांसद ओम बिरला, जिला खेल अधिकारी अजीज पठान, अर्जुन अवाॅर्डी बजरंग लाल सहित अन्यों ने गोल्ड जीतने वाले अरुंधति का अभिनंदन किया।

उस्ताद बालकृष्ण भरतिया ने रामपुरा, महाबली व्यायामशाला ने श्रीपुरा, कांग्रेस के पदाधिकारी ने कैथूनीपोल चौराहे व यूआईटी में नगर विकास न्यास अध्यक्ष आरके मेहता व अन्य अधिकारियों ने अभिनंदन किया।

न्यास अध्यक्ष ने कहा कि कोटा के लोग अरुंधति को ओलिंपिक में खेलते देखना चाहते हैं। सांसद ओम बिरला ने कहा ऐसी प्रतिभाएं बहुत कम होती हैं। इस खिलाड़ी ने कोटा ही नहीं पूरे देश का मान बढ़ाया है। यह कोटा के लिए बड़े गर्व का विषय है।

अरुंधति ने बताया कि उनको टफ कॉम्पिटिशन मिले, इसके लिए लड़कों के साथ प्रैक्टिस की। मैच प्रैक्टिस के लिए लड़कों के साथ बॉक्सिंग की। उन्होंने बताया कि प्रैक्टिस के लिए उन्होंने कई फंक्शन अटैंड नहीं किए।

सहेलियां भी आउटिंग का प्रोग्राम बनाती तो वह नहीं जाती थी। अपने शिड्यूल को उन्होंने पूरा फॉलो किया। उसने अपनी सफलता का श्रेय पिता सुरेश चौधरी, मां सुनीता चौधरी व कोच अशोक गाैतम को दिया।

पहले पिता ने किया मना, बाद में माने
अरुंधति पहले बास्केटबॉल खेलती थी। इस समय में उनके पिता सुरेश चौधरी नहीं चाहते थे कि वह खेल में कॅरिअर बनाए। इसके बाद अरुंधति ने पिता को समझाया।

इसके पर पिता चौधरी ने अरुंधति को व्यक्तिगत खेल खेलने की सलाह दी। इसके बाद अरुंधति ने बॉक्सिंग शुरू की और पलट कर नहीं देखा। अरुंधति नेशनल चैंपियन भी रह चुकी है। अब एक के बाद एक दो अंतरराष्ट्रीय गोल्ड हासिल कर चुकी है।

एग्जाम में भी प्रैक्टिस नहीं छोड़ी।
अरुंधति ने बताया कि वह अल सुबह दाे बजे उठकर सुबह साढ़े चार बजे तक पढ़ाई करती थी। इसके बाद पांच बजे स्टेडियम पर पहुंच जाती और आठ बजे तक प्रैक्टिस करती। इसी लगन के कारण उन्होंने क्लास नौ में 93 प्रतिशत अंक हासिल किए। वहीं, खेलों में भी कोटा, राजस्थान व देश का नाम रोशन किया।