लोकतंत्र की सबसे बड़ी पंचायत संसद अब हुई कैशलेस

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नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में डिजिटल लेन-देन व कैशलेस को बढ़ावा देने की बात कही थी। बुधवार को देश में लोकतंत्र में सबसे बड़ी पंचायत संसद भी कैशलेस हो गई है। बुधवार को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने संसद में मौजूद विभिन्न कैंटीन व रेस्टोरेंट में कैश लेने-देने के झंझट को खत्म करते हुए कैशलैस कार्ड लॉन्च किया।

मीडिया से बातचीत में स्पीकर ने बताया कि इस कार्ड में अब एक निश्चित रकम भरवा कर संसद भवन स्थित किसी भी कैंटीन या फूड स्टॉल से खरीदारी की जा सकती है। स्पीकर ने बुधवार को संसद की एक रीनोवेट हुई कैंटीन का उद्घाटन भी किया। इस मौके पर संसद की फूड कमिटी के अध्यक्ष व टीआरएस सांसद जीतेंद्र रेड्डी भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के बाद से ही संसद में खुले पैसों व छोटे नोटों की काफी किल्लत महसूस की जा रही थी।

हालांकि इस समस्या को देखते हुए लोकसभा में कार्ड स्वाइप मशीन भी लगाई गई, जो खास कामयाब नहीं हो सकी। रोचक है कि संसद सत्र के दौरान संसद भवन परिसर में स्थित लगभग एक दर्जन से ज्यादा कैंटीनों में रोजाना 4 से 5 हजार लोग इन कैंटीनों की सेवाएं लेते हैं।

मीडिया से बातचीत के दौरान स्पीकर ने कहा कि उनकी इच्छा है कि संसद परिसर स्थित सभी इमारतों में कैंटीन की पर्याप्त सुविधाएं हों, जिससे संसद भवन में काम करने वाले कर्मचारी या अधिकारी अपनी काम की जगहों, अपनी सीट पर खाना खाने की बजाए थोड़ी देर के लिए उठकर इन कैंटीनों तक जाएं। जिससे उनके लिए काम के दबाव दूर होने के साथ-साथ लोगों को आपस में बातचीत करने का मौका मिलेगा।