900 से ज्‍यादा केस में 3500 करोड़ रु. से ज्‍यादा की बेनामी प्रॉपर्टी अटैच

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 दिल्‍ली।  इनकम टैक्‍स (आईटी) डिपार्टमेंट ने बेनामी प्रॉपर्टी एक्‍ट के तहत कार्रवाई करते हुए 3500 करोड़ रुपए से ज्‍यादा की संपत्ति अटैच की है। यह कार्रवाई 900 से ज्‍यादा केस में की गई। डिपार्टमेंट की ओर से प्रोविजनल तौर पर अटैच की गई प्रॉपटी में प्‍लॉट, फ्लैट, शॉप्‍स, ज्‍वैलरी, व्‍हीकल्‍स, बैंक डिपॉजिट और एफडी आदि शामिल हैं।

अटैच की गई प्रॉपर्टीज में 2900 करोड़ रुपए से ज्‍यादा की अचल संपत्ति है। बेनामी प्रॉपर्टी से मतलब ऐसी संपत्ति से है जिसका कोई कानूनी ओनर न हो या वह किसी फिक्सियस (छद्म) ओनर के नाम पर हो। 

आईटी डिपार्टमेंट ने गुरुवार को स्‍टेटमेंट जारी कर कहा कि डिपार्टमेंट ब्‍लैकमनी के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखेगा और बेनामी ट्रांजैक्‍शन के तहत ऐसे एक्‍शन और ज्‍यादा होंगे। डिपार्टमेंट ने मई 2017 में अपने इन्‍वेस्टिगेशन डायरेक्‍टरेट्स के तहत 24 डेडिकेटेड बेनामी प्रॉ‍हिबिशन यूनिट्स (बीपीयू) बनाए थे, जिससे कि बेनामी प्रॉपर्टीज के संबंध में तेजी से कार्रवाई की जा सके। 
 
पांच केस में प्रॉपर्टी 150 करोड़ से ज्‍यादा 
आईटी डिपार्टमेंट के अनुसार, अटैच बेनामी प्रॉपर्टीज के पांच मामलों में एसेट की वैल्‍यू 150 करोड़ रुपए से ज्‍यादा है। वहीं, एक मामले में यह पाया गया कि एक रीयल एस्‍टेट कंपनी की करीब 50 एकड़ जमीन, जिसकी वैल्‍यू 110 करोड़ से ज्‍यादा है और वह ऐसे लोगों के नाम पर थी जिसका कोई मतलब नहीं था यानी बेनामीदार थे। इसकी पुष्टि जमीन बेचने वाले और इसमें शामिल ब्रोकर की ओर से की गई। डिपार्टमेंट ने हालांकि रीयल एस्‍टेट कंपनी का नाम सार्वजनिक नहीं किया है। 
 
अटैच प्रॉपर्टी में ये भी शामिल 
डिपार्टमेंट के अनुसार, अटैच की गई अन्‍य प्रॉपर्टीज में दो केस नोटबंदी के बाद है। इसमें यह पाया गया कि दो अटैच एसेट्स ऐसे थे, जिसमें कंपनियों ने स्‍क्रैप कंरसी (पुराने 500 और 1000 रुपए के नोट) अलग-अलग बैंक खातों में अपने इम्‍प्‍लॉइज और सहयोगियों के नाम से जमा कराई थी।

उसे बाद में अपने-अपने बैंक अकाउंट्स में ट्रांसफर किया गया। इस तरह बेनेफिशियल ओनर के अकाउंट में करीब 39 करोड़ रुपए भेजने की कोशिश हुई। एक अन्‍य केस में 1.11 करोड़ रुपए कैश एक व्‍यक्ति की गाड़ी से जब्‍त किए गए। गाड़ी में सवार व्‍यक्ति ने यह कहा था कि कैश उसका नहीं है।

खास बात यह रही कि किसी भी व्‍यक्ति ने इस कैश की ओनरशिप नहीं ली और इसके बाद न्‍यायिक अथॉरिटी ने इस कैश को बेनामी प्रॉपर्टी घोषित कर दिया। 
 
7 साल तक सश्रम जेल का प्रावधान  
इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के अनुसार, प्रॉहिबिशन ऑफ बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजैक्‍शन एक्‍ट 1 नवंबर 2016 से प्रभावी हो गया है। इस कानून के तहत, इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट को बेनामी प्रॉपर्टी, चल या अचल, का प्रोविजनल अटैचमेंट और उसके बाद जब्‍ती का अधिकार है।

इसमें लाभ लेने वाले ओनर, बेनामीदार और बेनामी ट्रांजैक्‍शन के लिए उकसाने वालों के खिलाफ 7 साल तक सश्रम कारावास और बेनामी प्रॉपर्टी की असल मार्केट वैल्‍यू का 25 फीसदी तक फाइन की सजा का प्रावधान है। बता दें, वास्‍तविक बेनामी एक्‍ट 1988 में ब्‍लैकमनी की रोकथाम के लिए लाया गया था। 2016 में इसे संशोधन किया गया।