धनिए का उत्पादन इस बार अच्छा होने की उम्मीद

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रामगंजमंडी। किसानों को इस बार धनिए का उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद है। अच्छा उत्पादन होने से अगली बार धनिया का रकबा बढऩे की उम्मीद भी किसान जता रहे हैं। धनिया की महफूज फसल को देखकर किसान हर्षित हैं। अब धनिए की फसल में आए सफेद फूल हरी डोडियों में तब्दील हो रहे हैं।

जानकारी के अनुसार रामगंजमंडी क्षेत्र में गत वर्ष 12 हजार हैक्टेयर भूमि में धनिया की बुआई हुई थी। इस बार बुआई का औसत साढ़े छह हजार हैक्टेयर पर आकर टिक गया है। किसान सामान्य धनिए की पैदावार के प्रति ज्यादा उत्सुकता दिखाते हैं लेकिन इस बार उनकी मानसिकता में परिर्वतन का सबसे बड़ा कारण धनिए के न्यनूतम स्तर पर पहुंचे भावों ने बदल दिया।

शुरुआती दौर में छह हजार रुपए क्विंटल बिकने वाला धनिया बुआई के समय 3600 रुपए क्विंटल तक आया तो किसानों का रुझान चने की बुआई के प्रति बढ़ा। कई किसानों ने सरसों की बुआई के प्रति उत्सुकता दिखाई। अभी खेतों में खड़ी सरसों में पीले फूल आ रहे हैं तो कहीं खेतों में धनिए के सफेद फूल की चादर बिद गई है।

जानकारों के अनुसार मंडी में तीन किस्म का धनिया आता है। इसमें सर्वाधिक बादामी होता है। रंगदार व बेस्ट रंगदार धनिया भी किसान लाते हैं। किसी क्षेत्र में डोडियां आते समय बारिश होती है तो हरी डोडियों वाला धनिया बादामी हो जाता है। हल्की बारिश की मार वाला धनिया रंगदार की श्रेणी में आता है।

सबसे महफूज रहने वाला धनिया बेस्ट रंगदार के नाम से पहचान बनाता है। सर्वाधिक दाम बेस्ट रंगदार के मिलते हैं। मौसम की अनुकूलता से इस बार रंगदार व बेस्ट रंगदार धनिया ज्यादा आने की संभावना है। एेसे में किसानों को अच्छे भाव मिलेंगे।

धनिया को सबसे नाजुक फसल माना जाता है। ज्यादा सर्दी इस फसल को बर्दाश्त नहीं होती। शीतलहर चलने व मौसम नहीं खुलने पर इसके पौधों के झुलसने का डर रहता है। गर्मी ज्यादा होने पर रोग का खतरा रहता है। फूल आने के समय बारिश होने पर फूल खिरने व लोंगिया रोग की संभावना बनती है। इससे उत्पादन प्रभावित होता है।

फूलों के डोडियों में तब्दील होते समय मावठ गिरने से डोडियों के बदरंग होने का खतरा रहता है। फसल की कटाई व उसे तैयार होने तक मौसम की अनुकूलता इस फसल के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद रहती है।

कृषि पर्यवेक्षक चौखे सिंह शेखावत का कहना है कि धनिया का रकबा गत वर्ष की तुलना में चाहे रामगंजमंडी क्षेत्र में आधा ही हो लेकिन अनुकूल मौसम से फसल को फायदा है। गत वर्ष बारिश के तुरंत बाद धनिया में लोंगिया रोग लगा था। इस बार एेसा कोई रोग देखने में नही आया है।