1.35 लाख कंपनियों ने नहीं जमा कराया पीएफ का पैसा

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नई दिल्‍ली। देश भर में 1.35 लाख कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) का पैसा सरकार के पास जमा नहीं कराया है। ऐसा कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन के अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से हो रहा है। कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन ने यह बात खुद स्‍वीकार की है कि कंपनियों के निरीक्षण के लिए जाने वाले अधिकारी निरीक्षण के नाम पर महज खानपूर्ति कर रहे हैं।

इसकी वजह से कंपनियों में डिफॉल्‍ट के मामले बढ़ रहे हैं। ईपीएफओ ने अधिकारियों को चेताया है कि कंपनियों का निरीक्षण तय मानकों के साथ और लगातार किया जाना चाहिए जिससे कंपनियों में बढ़ते डिफाल्‍ट के मामलों पर अंकुश लगाया जा सके। 

दिसंबर में डिफॉल्‍ट करने वाली कंपनियों की संख्‍या बढ़ी 
ईपीएफओ की ओर से जारी किए गए ताजा डाटा के अनुसार दिसंबर माह में अपने कर्मचारियों का पीएफ न जमा कराने वाली कंपनियों की संख्‍या बढ़ कर 1,35,017 हो गई है जबकि नवंबर माह में डिफाल्‍ट करने वाली कंपनियों की संख्‍या 1,30,684 थी।

ईपीएफओ ने अपने सभी एडिशनल सेंट्रल पीएफ कमिश्‍नरों (जोन) और रीजनल सेंट्रल पीएफ कमिश्‍नरों से पता लगाने को कहा है कि डिफाल्‍ट करने वाली कंपनियों की संख्‍या क्‍यों बढ़ रह है। इसके अलावा ईपीएफओ ने ऐसे ऑफिस के बारे में भी रिपोर्ट मांगी है जिनका प्रदर्शन निरीक्षण के मोर्चे पर खराब है। 
 
23 फीसदी कंपनियों ने किया है डिफॉल्‍ट 
 दिसंबर 2017 में ईपीएफओ के पास कंट्रीब्‍यूट करने वाले कंपनियों की कुल संख्‍या 4, 46, 193 थी। इसमें से 1,35,017 कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के नवंबर माह का पीएफ सरकार के पास जमा नहीं कराया है।

इस तरह से ईपीएफओ के पास अपने कर्मचारियों का पीएफ जमा कराने वाली कुल कंपनियों में से 23 फीसदी कंपनियों ने दिसंबर माह में अपने कर्मचारियों का पीएफ जमा नहीं कराया है। 

निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति करते हैं अधिकारी
ईपीएफओ ने अपनी जांच में पाया है कि कई मामलों में अधिकारियों ने कंपनियों में निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति की है। अधिकारियों ने कंपनियों की न तो अकाउंट बुक चेक की और न ही कंपनियों के रिकॉर्ड चेक किए। इसके अलावा निरीक्षण के दौरान ईपीएफओ द्वारा तय किए गए मानकों का पालन भी नहीं किया गया।

एनफोर्समेंट ऑफिसर्स ने बहुत कम कंपनियों का निरीक्षण किया है। निरीक्षण की संख्‍या उनके लिए तय मानकों से बहुत कम है। साथ ही अधिकारियों निरीक्षण की जो रिपोर्ट अपलोट की है वह अभी अधूरी है।