लालू को जेल के बाद अब परिवार पर कसेगा बेनामी संपत्ति का शिकंजा

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नई दिल्ली। सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े एक और मामले में लालू प्रसाद यादव को दोषी करार देते हुए उन्हें 3.5 साल की सजा सुना दी है। इस बीच इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने लालू के परिवार के खिलाफ बेनामी संपत्ति के मामले में विस्तृत डॉजिएर तैयार कर लिया है यानी आरजेडी सुप्रीमो की मुसीबतें अभी खत्म नहीं हुई हैं।

बेनामी संपत्ति के मामले में आयकर विभाग ने बिहार के पूर्व डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव और उनकी दो बहनों के खिलाफ रिपोर्ट तैयार की है। तेजस्वी और उनकी बहनों के खिलाफ दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अघोषित आय से 40 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदने का मामला चल रहा है।

आयकर विभाग ने इस संपत्ति को पहले ही अटैच कर लिया है और फिलहाल वह संबंधित प्राधिकरण की ओर से पुष्टि का इंतजार कर रहा है, जिसके बाद मुकदमे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। बेनामी ऐक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर तेजस्वी या उनकी बहनों को 7 साल तक की जेल और बाजार में प्रॉपर्टी के मार्केट रेट का 25 फीसदी तक जुर्माने के रूप में चुकाना पड़ सकता है।

कैद के साथ ही दोषी ठहराए गए नेता पर 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर भी रोक लग जाएगी। 40 करोड़ रुपये की इस संपत्ति को 2007 में खरीदा गया था, जब लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। उस वक्त इस संपत्ति को एबी एक्सपोर्ट्स के नाम पर खरीदा गया था।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक शेल कंपनी के डायरेक्टर्स ने महज 4 लाख रुपये में 2010-11 में कंपनी के सारे राइट्स और शेयरहोल्डिंग्स को तेजस्वी यादव के नाम पर ट्रांसफर कर दिया था। आयकर अधिकारियों ने डॉजिएर में आधा दर्जन से ज्यादा गवाहों के बयानों को शामिल किया है।

इन रेकॉर्डेड बयानों को सबूतों के तौर पर अदालत में पेश किया जाएगा। एजेंसी की ओर से अदालत में कहा जाएगा कि गवाहों के मुताबिक इस संपत्ति से लाभ उठाने वाले लोगों में लालू प्रसाद के तीन बच्चे थे।