अमेरिका में जॉब करना होगा मुश्किल, H-1B वीजा प्रक्रिया कठिन

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बेंगलुरु।अमेरिका में जॉब जॉइन करने की उम्मीद लगाए भारतीय प्रफेशनल्स के लिए एक और बुरी खबर है। अमेरिकी का होमलैंड सिक्यॉरिटी डिपार्टमेंट (डीएचएस) एक ऐसा प्रस्ताव तैयार कर रहा है जो H-1B वीजा प्राप्त करना बहुत कठिन बना देगा। इस प्रस्ताव में H-1B वीजा आवेदनों की छंटनी की प्रक्रिया को बहुत कड़ा करने का रास्ता तलाशा जा रहा है।

इंटरनैशनल इमिग्रेशन फर्मा फ्रोगोमेन ने ताजा अपडेट में अपनी वेबसाइट पर कहा है कि डीएचएस ने 2011 के एक प्रस्ताव में संशोधन करने का संकेत दिया है जिसमें अपनी H-1B वीजा के लिए आवेदन करने से पहले H-1B कैप लॉटरी का रजिस्ट्रेशन करवाकर कैप आवेदन जमा करने होंगे, तभी उन्हें कैप नंबर मिल पाएंगे।

उसने बताया, ‘डीएचएस H-1B कैप नंबर आवंटन के लिए एक प्रायॉरिटी सिस्टम लाने की योजना भी बना रहा है जिसमें उन आवेदनों को प्रायॉरिटी मिलेगी जो सबसे ज्यादा सैलरीवाली नौकरियों के लिए हो और जो उच्च कौशल प्राप्त प्रफेशनल्स ने दिए हों। इनके अलावा आवेदनों की छंटनी में राष्ट्रपति ट्रंप के ‘बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन’ के कार्यकारी आदेश का भी ध्यान रखा जाएगा।’

डीएचएस ने अपने सेमी-ऐनुअल रेग्युलेटरी अजेंडे में कुछ प्रस्तावों के ऐलान किए। वह H-1B वीजा प्राप्त प्रफेशनल्स के वेतन सीमा में भी सुधार पर विचार कर सकता है। फ्रेगोमेन वर्ल्डवाइड में पार्टनर स्कॉट जे फिट्जगेराल्ड ने कहा कि H-1B कैप लॉटरी सिस्टम में बदलाव का ऐलान फरवरी 2018 तक नहीं होना है।

अगर इन बदलावों का ऐलान उस आदर्श प्रक्रिया के तहत होता है जिसमें ‘नोटिस ऐंड कॉमेंट’ की अनुमति दी जाती है तो अगले H-1B कैप में बदलावों को लागू नहीं किया जा सकेगा जिसकी फाइलिंग अप्रैल 2018 में शुरू होगी क्योंकि ‘नोटिस ऐंड कॉमेंट’ में कुछ महीने लगते हैं।