डिफॉल्टर कंपनियों पर सख्ती का रास्ता साफ, अमेंडमेंट बिल संसद में पास

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नई दिल्ली। कॉर्पोरेट गवर्नैंस स्टैंडर्ड्स को मजबूत बनाने के वास्ते कंपनी कानून में संशोधन के बिल को मंगलवार को संसद ने पास कर दिया।

इस बिल से डिफॉल्टिंग कंपनियों पर सख्त कार्रवाई करने और देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार में मदद मिलेगी। राज्यसभा ने कंपनी (संशोधन) बिल, 2017 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसे लोकसभा ने इस साल जुलाई में मॉनसून सत्र के दौरान मंजूर कर लिया था।
 
 ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में होगा सुधार
बिल पर चर्चा के दौरान सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जवाब देते हुए राज्य मंत्री कंपनी मामले पी. पी. चौधरी ने कहा कि संशोधन से बेहतर कॉर्पोरेट गवर्नैंस सुनिश्चित होगा और देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार होगा।
 
 40 से ज्यादा हुए संशोधन
बिल के माध्यम से कंपनीज एक्ट, 2013 में 40 से ज्यादा संशोधन किए गए हैं, जिसे यूपीए शासन के दौरान पारित किया गया था। बिल को मार्च, 2016 में लोकसभा में पेश किया गया था और फिर इसे फाइनेंस पर बनी स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया था।

पैनल की सिफारिशों पर विचार करने के बाद कैबिनेट ने इस साल मार्च में रिवाइज्ड बिल को मंजूरी दे दी थी। कंपनीज एक्ट, 2013 को मौजूदा सरकार द्वारा पहले ही संशोधन किया जा चुका है।
 
इस कानून से प्रोसिजर्स होंगे सरल
चौधरी ने कहा कि इस कानून से प्रोसिजर्स को सरल बनाने, कंप्लायंस को आसान बनाने और डिफॉल्टर कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।

मिनिस्टर ने सदस्यों द्वारा जताई गई इस आशंका को खारिज कर दिया कि सरकार कंपनियों द्वारा कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के प्रोविजंस का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रयाप्त काम नहीं कर रही है।
 
कई कंपनियों को जारी हुए नोटिस
मंत्री ने कहा कि सरकार कंपनीज एक्ट के अंतर्गत सीएसआर प्रोविजंस का अनुपालन नहीं करने के लिए पहले ही कई कंपनियों को नोटिस जारी कर चुकी है।

सरकार द्वारा कंपनियों के खिलाफ एक्शन लेने में तेजी पर मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसी कंपनियों के खिलाफ कई कदम उठा रही है, जिसने सीएसआर की दिशा में लंबे समय से कोई काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2 लाख शेल कंपनियों पर कार्रवाई की है और सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस की भी इस पर नजर बनी हुई है।