लागत न निकलने से किसानों ने आलू सड़क पर फेंका

647

कानपुर। बंपर पैदावार होने से यूपी के आलू उत्पादक किसानों का दम फूल गया है। इस वजह से आलू का थोक भाव 20 पैसे प्रति किलो पर आ गया है, जिसकी वजह से किसान और कोल्ड स्टोरेज मालिक पुराने आलू को सड़क पर फेंकने पर मजबूर हो गए हैं। सब्जियों का राजा कहे जाने वाले आलू की हालत खराब है। यूपी की आलू बेल्ट के नाम से मश्हूर आगरा, कानपुर मंडल में पुराने आलू फ्री में लेने को भी कोई तैयार नहीं है। ई फसल का आलू 5-6 रुपये प्रति किलो के रेट पर बिक रहा है। 

इन जिलों में सबसे ज्यादा हालत खराब : यूपी के आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, एटा, औरेया, कानुपर देहात, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, कन्नौज आदि जिले आलू बेल्ट के नाम से मश्हूर हैं। इन जिलों में जो आलू होता है उसको सबसे बेस्ट क्वालिटी का माना जाता है। देश भर के कई राज्यों में यहीं से आलू की सप्लाई होती है।