स्टेंट बनाने वाली कंपनियों पर सरकार का शिकंजा

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मनचाहे दाम पर हृदय रोग में इस्तेमाल होने वाले स्टेंट की निर्माता कंपनियों पर शिकंजा कसा है। स्टेंट को मनचाहे दाम पर बेचने की शिकायत मिलने पर नैशनल फार्मासूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने स्टेंट की कीमत तय कर दी थी। इसके बाद कुछ कंपनियां अपने स्टेंट मार्केट से वापस लेने की योजना बना रही थीं। इसे देखते हुए सरकार ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए अगले छह महीने तक स्टेंट को मार्केट से वापस लेने पर रोक लगा दी। अब ये कंपनियां अगले छह महीने तक मार्केट से अपने स्टेंट वापस नहीं ले सकेंगी और एनपीपीए द्वारा निर्धारित मूल्यों पर ही उनको स्टेंट बेचना पड़ेगा।

सूत्रों के मुताबिक, एनपीपीए द्वारा कीमत निर्धारित किए जाने के बाद स्टेंट बनाने वाली दो बड़ी कंपनियों ऐबट और मेडट्रॉनिक ने अपने प्रीमियम स्टेंट को वापस लेने के लिए एनपीपीए को आवेदन दिया था। कई अन्य कंपनियां भी इस राह पर चलने की योजना बना रही थीं।सरकार ने ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर, 2013 के सेक्शन 3(i) के तहत मिले विशेषाधिकार का प्रयोग किया और कंपनियों को स्टेंट्स का उत्पादन, आयात और सप्लाई जारी रखने का निर्देश दिया है ताकि स्टेंट्स की कमी न हो।

इसके अलावा सरकार ने कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे एनपीपीए और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के पास तैयार और वितरित हुए स्टेंट्स पर साप्ताहिक रिपोर्ट भी जमा करें। साथ ही कंपनियों को अगले हफ्ते के लिए अपना प्रॉडक्शन प्लान भी जमा करना होगा। डीओपी ने कहा कि यह आदेश अगले छह महीने तक के लिए वैध रहेगा। स्थिति के अनुसार एनपीपीए और डीसीजीआई आदेश को वापस लेने या इसे बढ़ाने की सिफारिश आदेश की समयावधि समाप्त होने से दो हफ्ते पहले करेगा।