दोषी राशन डीलर का लाइसेंस सस्पेंड, खुद खा गया 18 लाख के गेंहू

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कोटा। 200 से अधिक परिवारों के 18 लाख के गेंहू एवं अन्य राशन सामग्री हड़पने के मामले में जिला रसद विभाग ने जिले के जोरावरपुरा ग्राम पंचायत के राशन डीलर को दोषी मानते हुए लाइसेंस निलम्बित कर दिया है। साथ ही राशन डीलर के उपभोक्ताओं को राशन सामग्री वितरण की जिम्मेदारी पास के ही गांव के राशन डीलर को सौंपी है।

जोरावपुरा गांव में दो राशन डीलर हैं। इनके पास 1100 से अधिक परिवारों को राशन सामग्री वितरित करने की जिम्मेदारी है। दिसम्बर 2015 में बीमार पडऩे पर डीलर चतुर्भुज ने अपने हिस्से के उपभोक्ता दूसरे डीलर मुकुट बिहारी मीणा को सौंप दिए।

गांव में 735 परिवार खाद्य सुरक्षा में चयनित हैं। जिन्हें डीलर द्वारा केरोसिन, गेहूं उपलब्ध करवा रहा है, लेकिन बीपीएल, अन्त्योदय योजनाओं से जुड़े करीब 200 परिवारों के हिस्से का गेहूं डीलर द्वारा वितरित नहीं किया गया। डेढ़ साल से राशन डीलर मुकुट बिहारी मीणा ने करीब 200 परिवारों के हिस्से की राशन सामग्री को वितरित करना दर्शा रखा था,

जबकि राशन कार्ड में एंट्री नहीं की गई। राशन डीलर 200 से अधिक परिवारों के हिस्से का प्रतिमाह 7 टन गेहूं डकारा। जिसका बाजार मूल्य करीब एक लाख रुपए है। दो साल में करीब 18 लाख का घोटाला किया गया।

शिकायत के बाद हुई जांच : ग्रामीण सत्यनारायण नागर, बालमुकुंद, खेमराज व जानकीलाल ने 9 नवम्बर को जिला स्तरीय जन सुनवाई में इस मामले की शिकायत की तो कलक्टर ने रसद विभाग को मामला निस्तारण के आदेश दिए। रसद अधिकारी ने टीम गठित कर 5 दिसम्बर को राशन डीलर की जांच करवाई।

टीम ने राशन डीलर के दस्तावेज, उपभोक्ताओं के बयान लेकर रिपोर्ट जिला रसद अधिकारी को सौंपी। इस पर जिला रसद अधिकारी अशोक मीणा ने राशन डीलर को दोषी मानते हुए लाइसेंस निरस्त कर दिया। साथ ही उसके अधीन उपभोक्ताओं को राशन सामग्री वितरण की जिम्मेदारी तलाब गांव के राशन डीलर भूपेंद्र व्यास को सौंपी है।