18 शहरों में सरकारी, सिवायचक अवाप्त भूमि की नियमन दरें बढ़ाईं

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रेरा प्रोजेक्ट्स सहित सभी कार्य प्रभावित होंगे

जयपुर। राज्य सरकार ने 18 नगरीय निकाय वाले बड़े और उद्योगों वाले शहरों में जमीन नियमन (अप्रूवल-रेगुलेशन) की दरों में बढ़ोतरी की है। आवासीय जमीन की नियमन दरें 25 फीसदी तक और कॉमर्शियल की दरें 40 फीसदी तक बढ़ाई गई हैं। बाकी छोटे शहरों में भी दरें बढ़ाने की तैयारी है।

अब रेरा के प्रोजेक्ट्स सहित कई तरह के जमीन आवंटनों का शुल्क ज्यादा चुकाना होगा।के इस फैसले से 2022 तक सभी को छत देने के मुख्यमंत्री के सपने को झटका लग सकता है।

आवासीय कॉलोनियों की जमीन और उनके भूखंडों का नियमन महंगा होगा। जनता और बिल्डर सहित विकासकर्ताओं को एक से डेढ़ गुना ज्यादा शुल्क देना होगा। यूडीएच ने राजकीय भूमि के नियमन की नई दरें निर्धारित करते हुए सभी नगरीय क्षेत्रों के लिए प्रभावी की है।

शहर
{जयपुर,जोधपुर, कोटा, अजमेर, उदयपुर, बीकानेर, अलवर, भरतपुर, भीलवाड़ा
{50हजार से अधिक आबादी के अन्य शहर
{50हजार से कम आबादी के शहर 

आवासीय नियमन दरें
{आवासीय आरक्षित दर का 25 फीसदी या 2 हजार रुपए प्रति वर्गगज जो अधिक हो
{आवासीय दर का 25% या एक हजार रु. प्रति वर्गगज जो अधिक
{आवासीयदर का 25% या 400 रु. प्रति वर्गगज में जो अधिक हो 

कॉमर्शियल नियमन दरें
{कॉमर्शियल आरक्षित दर का 25% या 6500 रुपए प्रतिवर्ग गज में से जो भी अधिक हो
{कॉमर्शियल दर का 25% या 3500 रु. वर्गगज में जो अधिक
{कॉमर्शियलदर का 25% या 1500 रु. वर्गगज में जो अधि