जीएसटी : ऑफलाइन स्टोर को मिलेगी राहत की संजीवनी

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► जीएसटी में एकसमान कराधान होने से ऑनलाइन-ऑफलाइन को मिलेंगे समान अवसर
► फ्यूचर समूह ने अगले 4 साल में 10,000 स्टोर खोलने की बनाई योजना
► रिलायंस रिटेल 3 साल में खोलेगी 700 नए स्टोर
► वॉलमार्ट की अगले 2 साल में 50 नए थोक स्टोर खोलने की योजना

मुंबई। पिछले कुछ वर्षों से ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनियों से ऑफलाइन रिटेलरों को कड़ी टक्कर मिल रही है, लेकिन वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने से ऑफलाइन स्टोरों को काफी दम मिलने की उम्मीद है। एकसमान कर और जीएसटी के क्रियान्वयन में सुगमता को देखते हुए ऑफलाइन रिटेलर तेजी से अपना विस्तार करने की तैयारी में हैं। फ्यूचर समूह के मुख्य कार्याधिकारी किशोर बियाणी ने कहा, ‘अभी तो कराधान के लिहाज से ई-कॉमर्स कंपनियों को फायदा मिल रहा है। लेकिन जीएसटी के आने से सभी के लिए समान अवसर होंगे और इससे निश्चित तौर पर हमारी विस्तार की योजना में मदद मिलेगी।’

पिछले 6 महीनों में रिटेल स्टोरों की स्थिति में काफी बदलाव आया है। ई-कॉमर्स स्टोरों को जहां निवेश जुटाने में मशक्कत करनी पड़ रही है, वहीं ऑफलाइन रिटेल कंपनियों के लिए स्थिति सकारात्मक नजर आ रही है। एवेन्यू सुपरमाट्र्स (डी-मार्ट) की शानदार सूचीबद्धता ने भी ऑफलाइन रिटेल मॉडल के प्रति निवेशकों का भरोसा लौटाया है क्योंकि वे मान रहे हैं कि अगर इस मॉडल का सही तरीके से क्रियान्वयन किया जाए तो यह मुनाफेदार हो सकता है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के 1 जुलाई से लागू होने की संभावना है, जिसका  क्रियान्वयन ऑफलाइन स्टोरों के लिए अपेक्षाकृत आसान हो सकता है। यही वजह है कि ऐसे स्टोरों के विस्तार की योजना को बढ़ावा मिल रहा है और कुछ अपने लक्ष्यों को आक्रामक तरीके से बढ़ा रहे हैं।

वस्तुओं को अंतरराज्यीय परिवहन से जुड़ी चुनौतियों को देखतते हुए वॉलमार्ट इंडिया के अध्यक्ष एवं मुख्यकार्याधिकारी कृष अय्यर ने कहा, ‘जीएसटी केवल कर सुधार ही नहीं है, बल्कि कारोबार करने का नया तरीका भी है।’ उन्होंने कहा कि वस्तुओं को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने पर तमाम नाकों पर चुंगी देनी पड़ती है, जिससे न केवल कारोबार प्रभावित होता है बल्कि परिवहन की लागत भी बढ़ती है। अय्यर ने कहा, ‘जीएसटी के लागू होने से एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का निर्माण होगा और आपूर्ति शृंखला तथा भारतीय रिटेल क्षेत्र ज्यादा दक्ष बनेगा।’ अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट भारत में थोक कैश ऐंड कैरी स्टोरों का परिचालन करती है और अगले कुछ वर्षों में अपने स्टोरों की संख्या बढ़ाकर 50 करने की योजना बनाई है। फिलहाल कंपनी के देश भर में 21 स्टोर हैं।

वर्तमान में ई-कॉमर्स कंपनियां हैदराबाद और बेंगलूरु सहित कम मूल्यवर्धित कर (वैट) वाले बाजारों के माध्यम से बिक्री कर रही हैं। इन बाजारों में स्मार्टफोन जैसे उत्पादों पर 5 फीसदी वैट लगता है, जो राष्ट्रीय औसत करीब 15 फीसदी से काफी कम है। लेकिन जीएसटी के लागू होने पर यह लाभ नहीं मिलेगा, यही वजह है कि श्याओमी और मोटोरोला जैसे स्मार्टफोन ब्रांड अब ऑफ-लाइन रिटेल में अपना विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। नई कराधान व्यवस्था में विनिर्माता भी थोक विक्रेता पर निर्भर करेंगे, जो कर क्रेडिट का लाभ लेने के लिए अंतत: ऑफलाइन स्टोरों का रुख करेंगे। रिलायंस रिटेल अगले तीन साल में 700 स्टोर खोलेगी, जिनमें रिलायंस टेंड्रस के 200 फैशन स्टोर शामिल हैं।