नगर निगम को वापस लेना पड़ा कोचिंग संस्थानों से शुल्क का प्रस्ताव

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सफाई का पैसा कोचिंग के बच्चों से नहीं लिया जाएगा, महापौर ने कहा

कोटा। शहर की कोचिंग संस्थानों से प्रति स्टूडेंट 1 हजार रुपए लिए जाने के प्रस्ताव को नगर निगम ने वापस ले लिया है। महापौर महेश विजय ने सांसद, सभी विधायकों, आयुक्त, पार्षदों से विचार-विमर्श के बाद घोषणा की कि कोचिंग संस्थानों से शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस मुद्दे को यहीं खत्म कर दिया जाए।

इसको लेकर 3 दिन से शहर में चल रहे आंदोलन और विरोध को देखते हुए गुरुवार को सांसद ओम बिरला को हस्तक्षेप करना पड़ा।  महापौर महेश विजय ने कहा कि कोचिंग से प्रति स्टूडेंट्स 1 हजार रुपए शुल्क नहीं लिया जाएगा।

राजस्व समिति की बैठक में लिए गए इस प्रस्ताव पर गुरुवार को सांसद ओम बिरला, विधायक प्रहलाद गुंजल, संदीप शर्मा, उपमहापौर सुनीता व्यास, राजस्व समिति अध्यक्ष महेश गौतम आयुक्त डॉ. विक्रम जिंदल से बात की।

सभी से विचार-विमर्श के बाद ये निर्णय लिया गया कि कोचिंग संस्थानों से प्रति स्टूडेंट 1 हजार रुपए शुल्क का प्रस्ताव लागू नहीं किया जाएगा।

अब इस मुद्दे को यहीं पर खत्म कर दिया जाए। शहर के विकास के लिए यदि कोचिंग संस्थानों से मदद की जरूरत पड़ेगी तो उनसे मदद ली जाएगी, लेकिन शुल्क नहीं लगाया जाएगा।

आयुक्त डॉ. विक्रम जिंदल का कहना है कि ये कोई नया प्रस्ताव नहीं था और ही शुल्क को लागू किया गया था। पिछले वर्ष 13 फरवरी को हुई बोर्ड की बजट बैठक में भी आय के स्राेत बढ़ाने के लिए कोचिंग संस्थानों से 2 हजार रुपए प्रति स्टूडेंट्स के हिसाब से रजिस्ट्रेशन शुल्क लेने का प्रस्ताव रखा गया था।

उस समय पार्षद बृजेश शर्मा नीटू ने 2 हजार रुपए शुल्क को अधिक बताया था। तब ये निर्णय हुआ था कि राजस्व समिति अधिकारी इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श कर दरों को संशोधित करें।

बोर्ड के इस निर्णय के बाद मेरे कार्यकाल की ये राजस्व समिति की पहली बैठक थी। इसलिए इसमें दर आधी करते हुए प्रस्ताव रखा था। प्रस्ताव पास करना और खारिज करना बोर्ड का काम है।