नये प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार करने के लिए कार्य बल का गठन

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नयी दिल्ली। अप्रत्यक्ष कर के क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव करने के बाद सरकार ने प्रत्यक्ष कर के क्षेत्र में भी बदलाव की पहल की है। प्रत्यक्ष कर कानून की समीक्षा और एक नये प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार करने के लिये बुधवार को कार्यबल का गठन किया गया। प्रस्तावित नया प्रत्यक्ष कर कानून मौजूदा आयकर अधिनियम का स्थान लेगा जो कि 1961 से लागू है।

देश की आर्थिक जरूरतों के हिसाब से 50 साल से भी ज्यादा पुराने आयकर कानून के स्थान पर नये कानून का मसौदा तैयार करने लिये छह सदस्यीय कार्यबल का आज गठन किया गया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सीबीडीटी के सदस्य अरविन्द मोदी इसके संयोजक होंगे।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम इस कार्यबल में स्थायी रूप से विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। प्रत्यक्ष करों के मामले में नया कानून तैयार करने की सरकार की यह पहल नरेन्द्र मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश होने से पहले की गई है।

कार्यबल के अन्य सदस्यों में ई वाई के अध्यक्ष और क्षेत्रीय प्रबंध भागीदार राजीव मेमानी, चार्टर्ड एकाउटेंट गिरीश आहुजा, इक्रियर की सलाहकार मानसी केडिया, कर मामलों के जानकार अधिवक्ता मुकेश पटेल तथा सेवानिवृा भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी जी सी श्रीवास्तव शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर में आयोजित कर अधिकारियों के सालाना सम्मेलन में कहा था कि 1961 से लागू आयकर कानून को 50 वर्ष से अधिक हो चुके हैं और ऐसे में इसका मसौदा दोबारा तैयार करने की जरूरत है।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, इसी को ध्यान में रखते हुये देश की आर्थिक जरूरतों के हिसाब से प्रत्यक्ष कर कानून की समीक्षा तथा नये प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार करने के लिये कार्यबल का गठन किया गया है। कार्यबल छह महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को देगा।

मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम स्थायी विशेष आमंत्रित होंगे। कार्यबल विभिन्न देशों की मौजूदा प्रत्यक्ष कर प्रणाली, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रणाली, देश की आर्थिक जरूरतें और इससे जुड़े किसी अन्य मुद्दे पर विचार कर उपयुक्त प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार करेगा।