इंटरनेट पर किसी का एकाधिकार नहीं होने देगी सरकार

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नई दिल्ली। सरकार देश में इंटरनेट पर किसी की एकाधिकार नहीं होने देगी। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इकनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में यह बात कही।

अमेरिका में जिस तरह से इंटरनेट का इस्तेमाल चुनाव को प्रभावित करने के लिए हुआ और भारत ने ऐसे हालात से निपटने के लिए क्या तैयारी की है, इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘हम अभिव्यक्ति की आजादी में यकीन करते हैं, लेकिन मैं भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हम इंटरनेट का दुरुपयोग नहीं होने देंगे।’

उन्होंने कहा कि ऐसे हालात से निपटने के लिए देश में कानून हैं और सरकार ‘डिजिटल इनक्लूजन’ की हिमायती है। हालांकि, सरकार ‘डिजिटल मोनोपॉली’ को बर्दाश्त नहीं करेगी। रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘आपको फेसबुक की फ्री बेसिक्स का पूरा कॉन्सेप्ट याद होगा।

उसमें कहा गया था कि फलां चीज तक आप तभी पहुंच पाएंगे, जब आप इसे हमारे गेटवे से हासिल करेंगे। हमने उस मामले में सख्त रवैया अपनाया था।’ प्रसाद कानून मंत्री भी हैं। वहीं, देश में अगला लोकसभा चुनाव 2019 के मध्य में होना है।

दो साल पहले टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई ने डेटा सर्विसेज की मनमानी प्राइसिंग पर रोक लगा दी थी। इसमें फेसबुक फ्री बेसिक्स और एयरटेल जीरो जैसे जीरो रेटेड प्लान भी शामिल थे। हालांकि, उस वक्त फेसबुक ने अपने प्रोग्राम के पक्ष में काफी समर्थन जुटाया था। वह टेलिकॉम कंपनियों के साथ पार्टनरशिप करके इसके जरिये मुफ्त में बेसिक इंटरनेट सर्विस देना चाहती थी।

अमेरिका चुनाव का इंटरनेट कनेक्शन
दरअसल, अमेरिका में 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनावों को प्रभावित करने के आरोप लगे हैं। इस मामले में अमेरिकी सरकार ने अब सोशल मीडिया और इंटरनेट कंपनियों से जानकारी मांगी है और वह इंटरनेट कंपनियों पर फ्रेश कंट्रोल के बारे में विचार कर रही है।

ऐपल से बातचीत जारी
प्रसाद ने बताया कि ऐपल को भारत में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने के लिए मनाया जा रहा है और इस मामले में उसके साथ बातचीत चल रही है।

आईफोन बनाने वाली कंपनी ने इसके लिए भारत से कई रियायतें मांगी थीं, जिसे खारिज कर दिया गया था। प्रसाद ने कहा कि इसके बावजूद कई लेवल पर कंपनी के साथ बात चल रही है।

उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ ऐपल से एक बात कहना चाहता हूं कि भारत एक मजबूत डिजिटल मार्केट है। यह तेजी से बढ़ रहा है और यह मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा केंद्र है। इसलिए ऐपल को भारतीय बाजार को अच्छी तरह समझना चाहिए। उसे देखना चाहिए कि यहां कितनी संभावना है।’

एनडीए सरकार के कार्यकाल में करीब 100 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स देश में लगी हैं। सरकार की फेवरेबल नीतियों की वजह से देश में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग अट्रैक्टिव हो गई है।

प्रसाद ने कहा कि हम डिजिटल इनक्लूजन पर काम कर रहे हैं। हमारा मानना है कि टेक्नॉलजी सस्ती होनी चाहिए। हमने आधार के जरिए ऐसा कर दिखाया है, जहां बिना किसी लागत के 6 करोड़ से अधिक ऑथेंटिकेशन रोज हो रहे हैं।