कोटा से जल्द दिल्ली-मुंबई अहमदाबाद, लखनऊ व इंदौर के लिए होगी सीधी फ्लाइट

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कोटा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम alt147 उड़ान’ के दूसरे चरण में कोटा को भी शामिल कर लिया गया है। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है और निजी कंपनियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं।

यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा और कंपनियों ने रुचि दिखाई तो कोटा की देश के प्रमुख बड़े शहरों से सीधे एयर कनेक्टिविटी हो जाएगी।

इस स्कीम के तहत कोटा को अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली, जयपुर, लखनऊ और इंदौर से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी।
जानकारी के मुताबिक, 16 नवंबर को यह टेंडर जारी किया जा चुका है और 4 दिसंबर तक इसमें कंपनियां प्रस्ताव दे सकेगी।

21 दिसंबर तक सरकार की तरफ से टेंडर की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ऑपरेटर्स का चयन कर लिया जाएगा और संबंधित कंपनियों को लेटर जारी कर दिए जाएंगे। सबकुछ ठीक रहा तो मार्च-अप्रैल तक इन शहरों के लिए सीधी फ्लाइट शुरू हो जाएगा।

इस स्कीम के पहले चरण में 40 से ज्यादा शहरों को जोड़ा गया था, जिसमें कोटा शामिल नहीं हुआ था। उम्मीद की जा रही थी कि दूसरे चरण में कोटा का नाम शामिल हो जाएगा और वसा ही हुआ। 

कैसे दूर होगी रनवे की दिक्कत 
कोटा एयरपोर्ट का रनवे 1220 मीटर ही है। इस पर छोटे विमान ही उड़ सकते हैं, जबकि इतने बड़े रूट पर कोई भी कंपनी छोटे विमानों का संचालन नहीं करेगी, क्योंकि ये फायदेमंद नहीं होगा।

कोटा एयरपोर्ट का पूर्व में सर्वे हो चुका है और यह माना गया है कि इस एयरपोर्ट को दादाबाड़ी वाले छोर पर 1500 मीटर तक बढ़ाया जा सकता है।

यदि रनवे 1500 मीटर तक बढ़ा दिया जाता है तो एटीआर-42 श्रेणी के विमान लोड घटाकर उतारे जा सकेंगे। एक और तथ्य यह सामने आया कि अब कंपनियों के पास ऐसे नए विमान भी हैं, जो ज्यादा सीटर होने के बावजूद छोटे रनवे पर आसानी से उतर पाते हैं।

एएआई ने भेजे सुरक्षा उपकरण: कोटा एयरपोर्ट पर अब एएआई का भी फोकस है। बरसों से नॉन ऑपरेशनल इस एयरपोर्ट पर हाल ही में एक-एक कर सुरक्षा उपकरण भेजे गए हैं।

एयरपोर्ट के प्रभारी अधिकारी लोकेश निर्वाण ने बताया कि 2 डीएफएमडी (डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर) और 2 एचएचएमडी (हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर) लगाए जा चुके हैं।

इसके अलावा ईटीडी (एक्सप्लोजिव टेस्ट डिटेक्टर) तथा सीसीटीवी कैमरे चुके हैं, जिनका इंस्टालेशन होना है। जल्दी ही इंजीनियर आकर इनको इंस्टाल कर देंगे।

रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम में शेड्यूल्ड ऑपरेशन शुरू होने के बाद हमें एयर ट्रैफिक कंट्रोल अन्य स्टाफ की जरूरत होगी, जिससे जुड़ी जानकारी पहले से मुख्यालय को भेजी हुई है।

वीजीएफ देगी सरकार: कोटा से जोड़कर तैयार किए गए इन रूटों पर भारत सरकार संबंधित कंपनियों को वीजीएफ (वायबिलिटी गैप फंडिंग) भी देगी। इससे कंपनियों को आर्थिक रूप से यहां से विमान संचालित करने में दिक्कत नहीं आएगी।

ऑपरेटरों को नेक्सस करेगा मदद : उधर,गत दिनों कोटा एयरपोर्ट का निरीक्षण करने वाली कंपनी नेक्सस इंडिया ने साफ किया कि नेक्सस भारतीय ग्राहकों या ऑपरेटरों को चार्टर समर्थन देता है।

नेक्सस एक क्षेत्रीय एयरलाइन लॉन्च करने की योजना नहीं बना रही है, लेकिन ऑपरेटर्स या क्षेत्रीय एयरलाइंस को संचालन सहायता प्रदान करेगा, जो भारत सरकार की उड़ान योजना के तहत क्षेत्रीय संपर्क स्थापित करने में रुचि रखते हैं।

इस तरह तैयार किए हैं रूट, जिनमें कोटा भी शामिल

  • अहमदाबाद-कांडला-अहमदाबाद-खंबालिया -अहमदाबाद-पोरबंदर-अहमदाबाद-केशोद-अहमदाबाद-कोटा-अहमदाबाद
  • हिंडन एयरबेस-कोटा-अहमदाबाद-कोटा-हिंडन एयरबेस
  • आईजीआई एयरपोर्ट दिल्ली-कोटा-सीएसआई एयरपोर्ट मुंबई-केशोद-अहमदाबाद-केशोद-सीएसआई मुंबई-कोटा-आईजीआई दिल्ली
  • हिंडन-जयपुर-कोटा-जयपुर-हिंडन एयरबेस
  • हिंडन-लखनऊ-कोटा-लखनऊ-हिंडन
  • हिंडन-कोटा-इंदौर-कोटा-हिंडन