कृषि अर्थव्यवस्था को किया जा रहा नजरअंदाज

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पिछले 16 साल में 1 करोड़ किसानों ने छोड़ी खेतीबाड़ी, करीब 3 लाख ने की आत्महत्या

कोटा। गौ विज्ञान अनुसंधान केंद्र नागपुर के समन्वयक एवं राष्ट्रीय गौ वंश आयोग के पूर्व सदस्य सुनील मानसिंहका ने कहा कि पिछले 15 -16 वर्षों में कृषि आधारित अर्थ व्यवस्था को नजरअंदाज करने के कारण देशभर में 1 करोड़ किसानों ने खेती से मुंह मोड़ लिया और 3 लाख किसानों ने आत्महत्या की है।

मानसिंहका ने यह बात शुक्रवार को पत्रकारों से कही। वह यहां शनिवार से हाड़ौती गौ सेवा संस्थान के तत्वावधान में टीलेश्वर महादेव मंदिर में शुरू होने वाले दो दिवसीय संगोष्ठी पंचगव्य आयुर्वेद चिकित्सा शिविर भाग लेने पहुंचे हैं।
उन्होंने कहा देश की 60 से 70 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है।

लेकिन हरित क्रांति के नाम पर रासायनिक खेती को अपनाने से खेती की जमीन बंजर हो गई और किसानों को खेती से पलायन करना पड़ रहा है। गाय को सिर्फ दुधारू पशु माना गया जबकि उसके गोबर और मूत्र से ही उसका महत्व ज्यादा है। अनुसंधान केंद्र आर्गेनिक खेती को प्रोत्साहित कर रहा है।

पंचगव्य चिकित्सा को बढ़ावा देकर कैंसर जैसे असाध्य रोगों को थामने का प्रयास किया जा रहा है। स्वावलंबी खेती को बढ़ावा देने के लिए गौ पालन, बेल आधारित कृषि को बढ़ाने के काम में महाराष्ट्र एवं पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। राजस्थान में भी मुख्यमंत्री को ऐसा करना चाहिए।

रासायनिक खेती से मौसम में खतरनाक परिवर्तन हो रहे हैं। भूजल गिर रहा है। रासायनिक खेती से जल की खपत ज्यादा होती है। केंद्र विज्ञान आधारित प्रमाण सरकारों और जनता को समझाने का प्रयास कर रहा है। राजस्थान के सवाई माधोपुर, हनुमानगढ़, झालावाड़ एवं भीलवाड़ा में केंद्र शुरू किए गए हैं।

पंचगव्य आधारित 47 औषधियों का केंद्र ने पैटेंट कराया है। विदेशों से भी रोगी हमारे यहां आकर लाभांवित हो रहे हैं। केंद्र की रीना शाह ने गौ मूत्र पर ही पीएचडी की है। 60 – 70 वर्षों में देश में गुलामी की खेती की परम्परा को जन्म दिया।

अब स्वावलंबी खेती को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। संस्थान के अध्यक्ष डॉ. राकेश अग्रवाल, गायत्री परिवार के मुख्य ट्रस्टी जीडी पटेल, वैद्य रघुनंदन शर्मा ने भी गौ आधारिक व्यवस्था पर विचार व्यक्त किए।

अब लौट चलें विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आज से
इधर, हाड़ौती गौ सेवा संस्थान की ओर से दो दिवसीय 18 19 नवंबर को अब लौट चलें विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं पंचगव्य आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर टीलेश्वर महादेव मंदिर सभागार में होगी। पहले दिन शनिवार को सुबह 9:30 बजे उद्‌घाटन सत्र में संगोष्ठी की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय गौ सेवा प्रमुख नवरंग लाल शर्मा करेंगे।

मुख्य अतिथि एसएसआई एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंदराम मित्तल होंगे। विशिष्ट अतिथि जिला आयुर्वेद अधिकारी वैद्य कृष्ण कुमार शर्मा और मुख्य वक्ता नागपुर के गौ विज्ञान केंद्र के प्रभारी सुनील मानासिंहका होंगे। कोषाध्यक्ष रवि अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम सात सत्रों में होगा।

अंतिम सत्र में हाड़ौती और पंचगव्य चिकित्सा पर कोटा के वैद्य रघुनंदन शर्मा, कैलाश शर्मा, ताजेश गोयल एवं आठवें सत्र में गौशाला प्रबंधन चुनौती विषय पर डॉ. महेंद्र गर्ग, गायत्री परिवार गौशाला बंधा के प्रबंधक खेमराज यादव, गोदावरीधाम गौशाला के प्रबंधक विनायक भार्गव आदि विचार व्यक्त करेंगे।