ग्रेडिंग से पता चलेगा राज्य में अच्छा इंजीनियरिंग कॉलेज कौनसा

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 नवाचार : पहली बार राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने राज्य के 116 इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए ग्रेडिंग सिस्टम लागू किया। गुणवत्ता सुधार होने से राज्य में इंजीनियरिंग डिग्री की साख बढे़गी।

अरविन्द, कोटा। राज्य में इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट डिग्री की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने ग्रेडिंग सिस्टम लागू कर नवाचार की अनूठी पहल की।

नए सत्र से कोई भी विद्यार्थी आरटीयू की वेबसाइट पर इससे संबद्ध 116 सरकारी व प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों की रैंकिंग देखकर सर्वश्रेष्ठ कॉलेज का चुनाव कर सकते हैं।

इस वर्ष आरटीयू से जुडे़ कॉलेजों में संचालित कोर्सेस में लगभग 2.25 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। 2017 में यूनिवर्सिटी से 14 हजार विद्यार्थियों ने बीटेक डिग्री ली। लेकिन प्लेसमेंट कम होने से शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के प्रयास तेज कर दिए गए।  

क्वालिटी इंडेक्स वैल्यू से परखे: कॉलेज यूनिवर्सिटी ने सत्र 2017-18 के लिए सभी कॉलेजों से एआईसीटीई के अनुसार 18 मापदंडों की ऑनलाइन जानकारी ली। फिर एक कमेटी ने इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी व विद्यार्थियों के बारे में भौतिक सत्यापन किया। इसके बाद 1000 अंकों से मूल्यांकन कर कॉलेज को ग्रेडिंग दी गई।

क्वालिटी इंडेक्स वैल्यू में छात्र शिक्षक अनुपात, कोर्सेस की संख्या, कुल नामांकित छात्र, फैकल्टी की संख्या, कम्प्यूटर व इंटरनेट सहित स्मार्ट क्लास, हॉस्टल, मैस, इंश्योरेंस, प्ले ग्राउंड, लैब आदि, प्रतिवर्ष पास होने वाले स्टूडेंट, उनमें फर्स्ट डिविजन या ऑनर्स वाले कितने,

इंटरनेशनल या नेशनल कॉन्फ्रेंस, सेमीनार, वर्कशॉप, जर्नल्स में प्रकाशित पेपर, प्रतिवर्ष कितने स्टूडेंट को प्लेसमेंट मिला, 3 लाख से अधिक पैकेज कितनों को मिला जैसे 18 मापदंडों पर कॉलेजों का लेवल परखा गया। फिर कमेटी द्वारा वर्ष 2017-18 के लिए ग्रेडिंग दी गई।

 116 में से 9 कॉलेजों को मिली ए-ग्रेड 
आरटीयू में उप-कुलसचिव (अकादमिक) दिवाकर जोशी ने बताया कि क्वालिटी इंडेक्स वैल्यू के मापदंडों पर राज्य में 1000 में से 600 से अधिक अंक पाने वाले 9 इंजीनियरिंग कॉलेजों को ए-ग्रेड मिली।

इनमें स्वामी केशवानंद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी व ग्रामोत्थान, जयपुर 819 अंकों से सबसे उपर रहा। पूर्णिमा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, जयपुर को 741, जोधपुर इंटीट्यूट ऑफ इंजी.एंड टेक्नोलॉजी, जोधपुर 701 अंकों से अग्रणी रहे। इनके अतिरिक्त 400 से 599 अंक अर्जित करने वाले 24 कॉलेज तथा 399 तक अंक पाने वाले 83 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं।

कॉलेजों को नेशनल एक्सीलेंस का दर्जा मिलेगा
यूजीसी ने देश के सभी कॉलेजों को दर्जा देने के लिए एक्सीलेंट स्कीम प्रारंभ की है। आरटीयू से अच्छी ग्रेडिंग मिलने पर राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज नेशनल एक्सीलेंस कॉलेज का दर्जा ले सकेंगे। अच्छी परफॉर्मेंस से कोई भी कॉलेज पहले से बेहतर ग्रेड ले सकेगा। रैंकिंग सिस्टम डायनेमिक होने से इंजीनियरिंग कॉलेजों की गुणवत्ता में सुधार होगा तथा विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। 
– प्रो.एच.डी.चारण, डीन, अकादमिक, आरटीयू

सभी कॉलेज क्वालिटी में सुधार कर वर्ष 2018-19 के लिए अच्छी ग्रेडिंग ले सकते हैं।  उन्होने बताया कि ए-ग्रेड मिलने पर कॉलेजों को 5 वर्ष की संबद्धता, बी-ग्रेड पर 3 वर्ष तथा सी-ग्रेड पर अस्थाई संबद्धता दी जाएगी ताकि सभी कॉलेज रैंकिंग में सुधार के लिए क्वालिटी के मापदंडों का पालन करें।

जॉब की कमी से इंजीनियरिंग में रूझान कम :   विद्यार्थियों एवं अभिभावकों ने बताया कि प्रदेश के अधिकांश इंजीनियरिंग कॉलेजों में बीटेक, बीआर्क, एमटेक, पीएचडी, एमबीए, एमसीए व बीएचएमसीटी कोर्सेस की क्वालिटी गिरने से डिग्रीधारियों को अच्छी कंपनियों से जॉब ऑफर नहीं मिल रहे। आंकडें देखें तो पिछले 5 वर्षों में राज्य में बीटेक विद्यार्थियों की संख्या 36,676 से घटकर 20,817 रह गई। 2017-18 में लगभग 18 हजार विद्यार्थी रह गए। विशेषज्ञों का कहना है कि आरटीयू द्वारा इस वर्ष से कॉलेजों के लिए ग्रेडिंग सिस्टम लागू करने से गुणवत्ता बढेगी तथा उच्च तकनीकी शिक्षा में गिरते नामांकन पर रोक लगेगी। पहली बार किसी यूनिवर्सिटी द्वारा कॉलेजों में ग्रेडिंग सिस्टम लागू करने से क्वालिटी इम्प्रूवमेंट होगा। 

क्या होगा फायदा

  • सभी कोर्सेस में प्रतिवर्ष 25 से 30 प्रतिशत एडमिशन बढेंगे।
  • स्वस्थ व पारदर्शी प्रतिस्पर्धा होने से फर्जी कॉलेजों पर रोक लगेगी। 
  • नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिएशन (एनबीए) में प्रत्यानयन बढ़ेंगे। 
  •  राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज व यूनिवर्सिटी नेशनल रैंकिंग पर आ सकेंगे। 

राज्य में घटते बीटेक विद्यार्थी 

वर्ष              विद्यार्थी

2012-13      36,676

2013-14      34,692

2014-15      30,954

2015-16      26,049

2016-17      20,817