डेंगू से हुई मौतें हमारे माथे पर कलंक- राजावत

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डेंगू का डंक : समीक्षा बैठक में भाजपा विधायकों ने सरकारी अस्पतालों की बदइंतजामी पर चिकित्सा मंत्री को घेरा। कहा, हाडौती में लोग रोज डेंगू से मर रहे हैं, आप सदन में गलत आंकडे़ पढ रहे हैं।

अरविंद, कोटा। कोटा में डेंगू से हो रही मौतों को लेकर भाजपा विधायक भवानीसिंह राजावत का गुस्सा अपनी ही सरकार के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री पर फूट पड़ा।

उन्होंने गुरूवार को समीक्षा बैठक में राज्य के चिकित्सा मंत्री कालीचरण सर्राफ से कहा कि आपसे विधानसभा में गलत बयान पढवाया गया। ऐसे अफसरों को निलम्बित करो। ये अफसर हमारा सत्यानाश कर देंगे। हम कौन सा मुंह लेकर जनता के बीच जाएंगे। यहां लोग रोज डेंगू से मर रहे हैं और आपसे विधानसभा में गलत आंकडे़ पढवा रहे हैं।

मेडिकल कॉलेज में मौसमी बीमारियों को लेकर हुई समीक्षा बैठक में शहर के सभी भाजपा विधायकों ने स्वास्थ्य मंत्री को घेर लिया। विधायक भवानी सिंह ने जनआक्रोश को देखते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया।

विधायक राजावत ने मंत्री से दो टूक कहा कि पहले हमारी रिपोर्ट लीजिए, उसके बाद अधिकारियों से फीडबेक लेना। ये तो आपको पहले भी फीडबेक दे चुके। बिना पडताल किए 3 मौतों का फीडबेक आपने विधानसभा के पटल पर पढ़ भी दिया। हकीकत यह है कि डेंगू हाडौती में महामारी की तरह फैला हुआ है।

अब तक हाडौती में 165 तथा कोटा में 100 मौतें हो चुकी हैं। फिर कोटा का चिकित्सा विभाग आपको कौन से आंकडे़ दे रहा है। उन्हांने कहा कि सच जानने के लिए कोई स्पेशल टीम कोटा भेजिए।

एमबीएस अस्पताल में 700 बेड हों
कोटा उत्तर से भाजपा विधायक प्रहलाद गुंजल ने कहा कि आपका विभाग नाकारा हो चुका है, ये आपको
गलत रिपोर्ट भेज रहे हैं। इनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। इतनी विकराल रूप से मौतें हो
रही है, फिर भी अफसर झूठ बोल रहे हैं।

एमबीएस अस्पताल में 700 बैठक स्वीकृत कर सुविधाओं का विस्तार किया जाए। बैठक में प्रभारी मंत्री प्रभूलाल सैनी, विधायक संदीप शर्मा, विद्याशंकर नंदवाना, हीरालाल नागर, चंद्रकांता मेघवाल ने हालात से निबटने के लिए कई सुझाव दिए। बैठक में चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर भी मौजूद रहे।

चिकित्सा मंत्री ने तत्काल दिए निर्देश
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने जिले के सभी डॉक्टर्स की प्रतिनियुक्तियां समाप्त की तथा चिकित्सा अधिकारियों की छुट्टियां निरस्त कर मुख्यालय पर रात्रि ठहराव अनिवार्य किया। जिले में 19 फोगिंग मशीन हैं, 8 निदेशालय से भेजी गई।

5 मशीने खरीदने के लिए यूआईटी 40 लाख रूपये देगी। एलाइजा की जांच के लिए 3 नई मशीनें व एक ब्लड कॉम्पोनेन्ट मशीन खरीदने के निर्देष दिए। जिले में मौतों के कारणों की जांच के लिए पुणे स्थित सेन्ट्रल लैब से सेम्पलों की जांच करवाई जायेगी।

प्रशासनिक जांच के लिए नगर निगम आयुक्त डॉ.विक्रम जिन्दल की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति का गठित की। एमबीएस अस्पताल में 10 लैब टेक्निशियन की नियुक्ति तथा जिले में 17 डॉक्टर्स की नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद केवल 7 ने ज्वाइन किया, शेष को भी पाबंद किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज में 50 एवं एमबीएस अस्पताल में 30
अतिरिक्त बिस्तर लगाने के निर्देश दिए।