कंपोजीशन में मैन्युफैक्चरर और रेस्तरां पर 1% टैक्स लगाने की सिफारिश

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  • कंपोजीशन वाले ट्रेडरों के लिए दो अलग रेट की सिफारिश
  • 7,500 रु. से ज्यादा रूम टैरिफ वाले होटल पर 28% की जगह 18% टैक्समंत्री
  • समूह का सुझाव , दूसरे राज्यों में बिक्री करने वालों को भी मिले कंपोजीशन का लाभ 

नई दिल्ली। जीएसटी के तहत कंपोजीशन स्कीम में मैन्यूफैक्चरर और रेस्तरां सर्विसेज पर भी 1% टैक्स लग सकता है। असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह ने इसकी सिफारिश की है।

कंपोजीशन स्कीम को आकर्षक बनाने के सुझाव देने के लिए इस मंत्री समूह का गठन किया गया था। अभी कंपोजीशन स्कीम में ट्रेडर के लिए पूरे टर्नओवर का 1%, मैन्युफैक्चरर के लिए 2% और रेस्तरां के लिए 5% टैक्स का प्रावधान है।

सूत्रों के मुताबिक मंत्री समूह ने कहा है कि दूसरे राज्यों में बिक्री करने वालों को भी कंपोजीशन का विकल्प मिलना चाहिए। अभी दूसरे राज्यों में सप्लाई करने वाले कंपोजीशन में नहीं जा सकते, भले ही उनका टर्नओवर 20 लाख रुपए की छूट सीमा से कम हो। नियम बदलने से खास तौर से जॉब वर्क करने वालों को फायदा होगा।

मंत्री समूह का गठन इसी महीने हुआ था। इसमें बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी, जम्मू-कश्मीर के वित्त मंत्री हसीब द्रबु, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और छत्तीसगढ़ के वाणिज्य मंत्री अमर अग्रवाल शामिल हैं।

कंपोजीशन स्कीम के लिए सालाना टर्नओवर की सीमा पहले 75 लाख रुपए थी। इसे 1 अक्टूबर से एक करोड़ किया जा चुका है। जीएसटी में अभी तक करीब एक करोड़ कारोबारियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।

इनमें से 15 लाख कंपोजीशन में हैं। नियमित रजिस्ट्रेशन वालों को हर महीने रिटर्न फाइल करना पड़ता है, लेकिन कंपोजीशन वालों के लिए तिमाही रिटर्न का प्रावधान है। उसे इनवॉयस की डिटेल्स भी नहीं देनी है।

एसी रेस्तरां में खाने के बिल पर 12% टैक्स का सुझाव
मंत्रीसमूह ने एसी और नॉन-एसी रेस्तरां में फर्क भी खत्म करने का सुझाव दिया है। दोनों के लिए 12% जीएसटी की सिफारिश की है। अभी एसी रेस्तरां में खाने पर 18% टैक्स लगता है। 7,500 रुपए से ज्यादा रूम टैरिफ वाले होटल के लिए भी टैक्स रेट 28% से घटाकर 18% करने का सुझाव है।

आसान जीएसटीएन के लिए रोजाना 500 कारोबारियों से ले रहे फीडबैक
जीएसटीनेटवर्क को आसान बनाने के लिए एक सर्वे किया जा रहा है। रिटर्न फाइल करने वाले करीब 500 कारोबारियों को फोन करके उनसे फीडबैक लिए जा रहे हैं। जीएसटीएन चेयरमैन अजय भूषण पांडे ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए लोगों से सुझाव भी मांगे जा रहे हैं। रिटर्न फाइलिंग में रही तकनीकी दिक्कतों के कारण सरकार इसकी तारीख कई बार बढ़ा चुकी है।

कंपोजीशन वाले कारोबारियों के लिए जल्द उपलब्ध होगा रिटर्न फॉर्म
कंपोजीशनस्कीम वाले कारोबारी जुलाई-सितंबर तिमाही का रिटर्न जल्दी ही भर सकेंगे। इसके लिए जीएसटी नेटवर्क पर जीएसटीआर-4 फॉर्म उपलब्ध होगा। नेटवर्क के सीईओ प्रकाश कुमार ने यह जानकारी दी।

इन तीन महीनों के लिए सालाना 75 लाख रुपए टर्नओवर की सीमा ही लागू होगी। एक करोड़ रुपए की सीमा 1 अक्टूबर से प्रभावी हुई है। आइसक्रीम, पान मसाला और तंबाकू उत्पाद बनाने वाले इस स्कीम में नहीं जा सकते