एक मंच पर आए 18 समाजों के 650 युवक-युवती

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  • सामाजिक पहल : वैश्य समाज के करीब 25 हजार समाजबंधु परिवार सहित अन्नकूट महोत्सव में पहुंचे।

  • युवा वर्ग ने रिश्ते-नाते के बंधन से सामाजिक एकता का किया शंखनाद।

अरविंद, कोटा। उमंग और उल्लास के माहौल में रोशनी से जगमगाते सीएडी ग्राउंड परिसर में रविवार को अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन, कोटा जिला द्वारा आयोजित महाकुंभ में वैश्य समाज के 18 घटक खुले मन से एकजुट हुए।

वैवाहिक परिचय सम्मेलन में देशभर से आए 650 युवक-युवतियों ने एक ही मंच से परिचय दिया। एक-दूसरे से अपरिचित अभिभावक स्नेह-मिलन के साथ दिनभर अपने बेटे-बेटी के लिए रिश्ते ढूंढते रहे।

अ.भा.वैश्य महासम्मेलन के राष्ट्रीय महामंत्री गोपाल एम.मोर ने कहा कि परिचय सम्मेलन से कोटा की धरती पर वैश्य समाज ने सामाजिक एकता का सामूहिक दीप जलाया है। वैश्य समाज एकजुट होकर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

आज देश में वैश्य समाज के 3 मुख्यमंत्री, 1 उपमुख्यमंत्री, 1 राज्यपाल तथा कई सांसद, विधायक एवं निकायों में जनप्रतिनिधी निर्वाचित हुए हैं। उप्र के निकाय चुनाव, हिमाचल व गुजरात में भी वैश्य समाज आगे बढ़ रहा है। हमें व्यवसाय के साथ अन्य क्षेत्रों में भी कदम रखने होंगे।

प्रदेश महामंत्री राजू अग्रवाल (मंगोड़ी वाले) ने कहा कि समाज के युवा एवं महिलावर्ग सामाजिक संगठनों को मजबूती से खड़ा करें। ऐसे आयोजन वैश्य घटकों में अनेकता से एकता का संदेश देंगे।

पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि ऐसे अनुशासित व मर्यादित सामाजिक उत्सव वैश्य समाज की गरिमा को बढाते हैं। विशिष्ट अतिथी महापौर महेश विजय, यूआईटी चेयरमैन रामकुमार मेहता एवं कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री पंकज मेहता ने कहा कि कोटा में परिचय सम्मेलन से वैश्य समाज ने एकता का बिगुल बजाया। रोटी-बेटी व्यवहार एक स्वस्थ परंपरा है, जिससे कई परिवारों में खुशहाली आएगी।

युवा परिवार से जुडे़ रहें
शाम को प्रेरक उद्बोधन में प्रख्यात विचारक पं.विजयशंकर मेहता ने ‘तुम्हारे लिए’ विषय पर कहा कि युवावर्ग अपने पारिवारिक दायित्वों से जुडा रहा तो कभी अकेलापन कभी महसूस नहीं करेगा। इसलिए परिवार व समाज से हमेशा जुडे रहें। समारोह में वैश्य समाज की प्रतिभाओं तथा भामाशाहों को सम्मानित किया गया। कलाकार पंकज मारवाडी ने कच्ची घोड़ी पर राजस्थानी लोकनृत्य प्रस्तुत किया।

इस मौके पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एके गुप्ता, प्रदेश महामंत्री प्रदीप काबरा, उद्यमी एलसी बाहेती, पूर्व महापौर डॉ रत्ना जैन, डॉ अशोक जैन, प्रदेश युवा अध्यक्ष महेश विजय, जिला युवा अध्यक्ष रामबाबू गुप्ता, महिला अध्यक्ष पुष्पाजंली विजय व महामंत्री गायत्री मित्तल, आयोजन समिति के संरक्षक गोविंद माहेश्वरी, रामविलास जैन, दिनेश विजय, रजनी गुप्ता, मदनलाल दलाल, सत्यप्रकाश गुप्ता सहित सभी पदाधिकारी एवं विभिन्न समाजों के अध्यक्ष उपस्थित रहे।

वैश्य महासम्मेलन के जिलाध्यक्ष डॉ वेदप्रकाश गुप्ता तथा महामंत्री पीसी मित्तल ने सभी का आभार जताया। परिचय सम्मेलन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुनील बंसल तथा आयुषी जैन का इंटर-वैश्य रिश्ता तय होने पर तालियां गूंज उठी।

अन्नकूट महोत्सव के संयोजक दिनेश विजय ने बताया कि छप्पनभोग की झांकी सजाने के बाद 25 हजार से अधिक समाजबंधुओं ने पंक्तियों में अनुशासित ढंग से महाप्रसादी के रूप में भोजन किया। खास बात यह रही कि किसी ने झूंठन नहीं छोड़ी। परिसर में देर रात तक भजन प्रतियोगिता जारी रही।

18 घटकों को एकसूत्र में पिरोया
सभी 18 वैश्य घटकों के 650 से अधिक युवक-युवतियां विभिन्न राज्यों से कोटा पहुंचे। अंतर-वैश्य विवाह करने वालों को मंच पर पहली बार सम्मानित किया। बढ़ती उम्र और प्रोफेशन के मध्य यह सम्मेलन एक सेतु बनकर कार्य करेगा। इससे जो रिश्ते तय होंगे, उनके लिए समाजों में निःशुल्क सामूहिक विवाह करने की योजना है।
– रामविलास जैन, संयोजक, परिचय सम्मेलन

समाज नव-निर्माण का शंखनाद
अब तक 18 वैश्य घटकों में परस्पर शादियां बहुत कम होती थीं, देश में सबसे पहले कोटा से इसकी नई शुरुआत की गई। युवाओं में पढाई के साथ उम्र भी बढ़ रही है, जब सही समय पर परिवार की रचना होगी तो समाज के नव-निर्माण में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी।
डॉ.वेदप्रकाश गुप्ता, जिलाध्यक्ष, अ.भा.वैश्य महासम्मेलन

अंतर-वैश्य विवाह को सामाजिक मान्यता
आज उच्च शिक्षा या व्यापार के चलते अविवाहित युवाओं की उम्र 30 से 35 वर्ष तक पहुंच जाती है। ऐसे में कई परिवारों के सामने नई समस्या खड़ी हो जाती है। हम व्यापार या प्रोफेशन के साथ देश की उन्नति में भागीदार बनें। वैश्य समाज पूरे देश में फैला है, यह परंपरा जल्द सभी राज्यों में प्रारंभ होगी।
– पीसी मित्तल , जिला महामंत्री, अ.भा.वैश्य महासम्मेलन

रोटी-बेटी संबंधों से बढ़ेगी प्रगाढ़ता
अन्नकूट में 56 भोगों के साथ ही 25 हजार बंधुओं की महाप्रसादी के लिए 200 बंधुओं की टीम जुटी रही। कोटा शहर से वैश्य समाज में सर्वप्रथम नई सोच के साथ साझा परिचय सम्मेलन की शुरूआत हुई। रोटी-बेटी व्यवहार की पहल से सम्पूर्ण वैश्य समाज की प्रतिष्ठा को नई उंचाइयां मिलेगी।
– दिनेश विजय, संयोजक, अन्नकूट महोत्सव