संसद के शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है उपभोक्ता संरक्षण विधेयक

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नई दिल्ली। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि नया उपभोक्ता संरक्षण विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की संभावना है।

पासवान ने कहा कि सरकार एक नया उपभोक्ता संरक्षण कानून लाने जा रही है, जिसमें भ्रामक विज्ञापन देने वालों के खिलाफ कड़ी कारवाई की व्यवस्था होगी और उपभोक्ताओं की शिकायतों की समयबद्ध सुनवाई की जा सकेगी।

पासवान ने संवाददाताओं से कहा, ‘उपभोक्ता संरक्षण विधेयक मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के पास भेजा गया है।’ यह पूछने पर कि क्या विधेयक मंजूरी के लिए संसद के अगले सत्र में पेश होगा?

पासवान ने कहा, ‘मुझे ऐसी उम्मीद है।’ खाद्य और उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री सी. आर. चौधरी ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को लाने का प्रयास किया जाएगा।

सरकार का प्रस्तावित नया विधेयक वर्ष 1986 के उपभोक्ता संरक्षण कानून का स्थान लेगा, जिसमें उपभोक्ता संरक्षण पर संयुक्त राष्ट्र के वर्ष 2015 के संशोधित दिशानिर्देशों को भी आत्मसात किया जाएगा।

पासवान ने कहा कि त्वरित उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकार का स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि विधेयक में भ्रामक विज्ञापनों और ई.कॉमर्स व्यापार के लिए प्रावधान होंगे।

पासवान यहां 26-27 अक्टूबर को हुए दक्षिण, दक्षिण पूर्व और पूर्वी एशियाई देशों के लिए नए बाजार में उपभोक्ताओं का सशक्तिकरण विषय पर पहले वैश्विक उपभोक्ता संरक्षण सम्मेलन के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि इस सम्मेलन में 19 देशों के प्रतिनिधियों सहित 1,600 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।