5 सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के पक्ष में 1.25 करोड़ मूलधन व ब्याज भुगतान के अवार्ड पारित

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जयपुर । राजस्थान सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद की 34 वीं बैठक में 5 लघु उद्योगोें के पक्ष में एक करोड़ 25 लाख मूलधन व आरबीआई की ब्याजदर के तीन गुणा दर से भुगतान के अवार्ड पारित कर बड़ी राहत दी हैं।

आयुक्त कुंजी लाल मीणा की अध्यक्षता में आयोजित सुविधा परिषद की बैठक में 18 प्रकरणों में उभय पक्षकारों को आपसी सहमति से विवादों का निस्तारण का मौका दिया गया है। उन्होंने बताया कि 3 प्रकरण खारिज किए गए।

 गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के एमएसएमईडी एक्ट 2006 के प्रावधानों के अनुसार सूक्ष्य एवं लघु उद्योगों से सामान प्राप्त करने वाले उद्योगों या संस्था को राशि का भुगतान 45 दिन नहीं होने की स्थिति में संबंधित पक्ष उद्योग आयुक्त की अध्यक्षता में गठित सूक्ष्य एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद में वाद प्रस्तुत कर राहत प्राप्त कर सकते हैं।

एमएसएमईडी एक्ट 2006 के प्रावधानों के अनुसार 45 दिन में भुगतान नहीं करने वाले पक्ष को मूलधन एवं विलंबित अवधि की बैंक ब्याज दर की 3 गुणा दर से ब्याज का भुगतान करना होता है।

परिषद् की बैठक में उद्योग आयुक्त  कुंजी लाल मीणा के अलावा संयोजक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति श्री एन.सी. उप्रेती, उद्योग संघों के प्रतिनिधि  ताराचंद गोयल व उद्योग, वित्त एवं वाणिज्य विशेषज्ञ  योगेश गौतम सदस्य है। एमएसएमई सुविधा परिषद की 34 वीं बैठक में राज्य की सूक्ष्म एवं लघु इकाइयों के 26 प्रकरणों पर विचार किया गया।

सुविधा परिषद के अध्यक्ष कुंजी लाल मीणा ने बताया कि सुविधा परिषद की नियतकालीन बैठक होने से राज्य की एमएसएमई इकाइयों को बड़ी राहत मिल रही हैं वहीं उभय पक्षों को आपसी समझाइश से भी प्रकरणों के निबटान का अवसर दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि पिछली बैठक में 10 इकाइयों के पक्ष में 95 लाख रु. मूलधन व तीनगुणा ब्याज के अवार्ड पारित किए गए। उद्योग आयुक्त मीणा ने बताया कि सुविधा परिषद में आवेदन आने के बाद परिषद द्वारा नोटिस जारी करने से भी उद्योगों को बकाया राशि भुगतान प्राप्त होने लगा है।

परिषद की बैठक में उद्योग विभाग की और से अतिरिक्त निदेशक पीके जैन और उपनिदेशक एसएल पालीवाल व केएल स्वामी द्वारा प्रकरणों की विस्तार से जानकारी दी गई।