आढ़तिये किसानों का शोषण करने पर आमादा , इलेक्ट्रॉनिक काँटों का विरोध

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कोटा।  अनाज मंडियों में इलेक्ट्रॉनिक काँटों से किसानों की जिंस तोलने के राज्य सरकार के आदेश के बाद भी भामाशाह मंडी में इसकी पालना नहीं हो रही है। पुराने काँटों से तोलने पर तुले हुए हैं। जिससे किसानों को दो किलो प्रति बोरी का नुकसान हो रहा है। बजाय आढ़तिये इलेक्ट्रॉनिक कांटे के विरोध में उतर आए, जिससे मंडी में बुधवार को किसानों के माल की ढाई घंटे नीलामी नहीं हुई।

 किसान प्रतिनिधि और ग्रेन मर्चेंट मंडी एसोसिएशन के पदाधिकारियों के बीच बात हुई। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने व्यापारियों को समझाइश दी और आश्वासन दिया कि इस मामले में तीन दिन में इस समस्या का समाधान तलाशेंगे। सरकार से प्रॉपर व्यवस्था करने के लिए कहेंगे। उनका प्रतिनिधि आज कलेक्टर से भी मिलेगा। इसके बाद नीलामी शुरू की गई।

व्यापारियों का कहना था कि इलेक्ट्रॉनिक कांटे पर तुलाई से उनके एक क्विंटल में 1 से लेकर 2 किलो तक की कमी रही है। एक गाड़ी में एक क्विंटल जिंस कम रहा है। ऐसे में वे इलेक्ट्रॉनिक कांटे पर तुलाई नहीं करेंगे। सुबह से नीलामी नहीं हुई। किसान प्रतिनिधि दुलीचंद बोरदा और पन्नालाल मीणा भी मौजूद थे। उन्होंने भी व्यापारियों से बात की।

मंडी एसोसिएशन हाल में एक आमसभा बुलाई गई। इसमें व्यापारियों ने अध्यक्ष अविनाश राठी, उपाध्यक्ष नरेंद्र शर्मा सहित अन्य पदाधिकारियों को अपनी परेशानी बताई। अध्यक्ष राठी ने कहा कि वे इस संबंध में प्रशासन से बात करेंगे। तीन दिन में इससे होने वाली परेशानियों को दूर करने का प्रयास करेंगे। उपाध्यक्ष नरेंद्र शर्मा ने बताया कि उनका प्रतिनिधि आज कलेक्टर से मिलेगा।

व्यापारी नई व्यवस्था में सहयोग करें
इलेक्ट्रॉनिक कांटे की व्यवस्था से किसानों का हित हो रहा है। व्यापारी को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं है। उनकी जायज परेशानी या समस्या होगी तो उसे दूर किया जाएगा। व्यापारी नई व्यवस्था में सहयोग करें, क्योंकि यह पूरे प्रदेश में लागू हो चुकी है। – आरपीकुमावत, मंडी सचिव