जीएसटी और नोटबंदी का वेडिंग सीजन पर 10-15 प्रतिशत असर: एसोचैम

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बेंगलुरु। पिछले साल शादी के सीजन में हुई नोटबंदी और 1 जुलाई से लागू हुए जीएसटी का असर इस बार भी शादियों के सीजन पर पड़ेगा। नवंबर में शादियों का सीजन शुरू हो रहा है।

इंडस्ट्री चैंबर एसोचैम ने कहा कि शादी के लिए हॉल/गार्डेन बुकिंग, टेंट बुकिंग, फोटोग्राफी जैसी शादी की सर्विसेज पर नोटबंदी और जीएसटी का 10 से 15 प्रतिशत असर होगा।

एसोचैम ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण जूलरी और अन्य सामान, फोटोग्राफी , मैरिज हॉल जैसी सर्विसेज पर पहले से ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। जीएसटी के कारण कई गुड्स और सर्विसेज की कीमतें बढ़ने से शादी पर औसत खर्चा ज्यादा होगा।

शादी से जुड़ी कई सर्विसेज पर जीएसटी रेट 18 से 28 प्रतिशत तक है जो जीएसटी लागू होने से पहले कम था। जीएसटी से पहले ऐसी कई सर्विसेज पर कोई टैक्स नहीं देना होता था क्योंकि कई काम अनरजिस्टर्ड बिल्स पर होते थे।

वेडिंग सेक्टर में 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले डेस्टिनेशन वेडिंग या देश के वेडिंग टूरिज्म पर नोटबंदी और जीएसटी का कोई खास असर नहीं पडे़गा।

क्या हुआ है महंगा?
500 रुपये से ज्यादा की कीमत के फुटवेअर्स पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। सोना और हीरे के आभूषणों पर टैक्स 1.6 प्रतिशत से बढ़कर 3 प्रतिशत हो चुका है।

फाइव स्टार होटल्स की बुकिंग पर भी 28 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। इवेंट मैनेजमेंट सर्विस पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। मैरिज हॉल बुकिंग या गार्डेन बुकिंग जैसी सर्विसेज पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा।

उधार में मुश्किल
अधिकतर लोग शादी के समय ज्यादा कैश न होने के कारण ग्रोसरीज और अन्य सामान उधार पर खरीदते हैं जिसे बाद में चुकाते रहते हैं लेकिन जीएसटी के कारण ट्रेडर्स उधार पर सामान देने से हिचक सकते हैं।

शादी पर इतना करते हैं खर्च
एक अनुमान के मुताबिक भारत में एक औसत व्यक्ति शादी पर अपनी कुल दौलत का पांचवा हिस्सा खर्च करता है। नवंबर में शादी की तैयारी कर बैठे कई परिवार बजट बढ़ने के बाद अब अपने खर्चों पर फिर से नजर डाल बजट कम करने की कोशिश कर रहे हैं।

एसोचैम ने बताया कि भारत में गोवा के बीच और राजस्थान के किले डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए पहली पसंद रहते हैं। विदेश में शादी करने की इच्छा रखने वालों की पहली पसंद बाली और दुबई है। भारत की वेडिंग इंडस्ट्री सालाना 25 से 30 प्रतिशत की बढ़त दर्ज कर रही है।