विजय माल्या लंदन में गिरफ्तार, कोर्ट से मिली जमानत

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लन्दन। भारत के ‘भगोड़े’ कारोबारी विजय माल्या को मंगलवार को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया। स्कॉटलैंड यार्ड की इस कार्रवाई के बाद माल्या को वेस्टमिंस्टर की अदालत में पेश किया जहां उन्हें जमानत दे दी गई। अदालत में अब उनके प्रत्यर्पण को लेकर सुनवाई होगी। बता दें कि भारतीय बैंकों की 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी का सामना कर रहे माल्या देश छोड़कर काफी वक्त से लंदन में रह रहे थे। माल्या पर कई दूसरे गंभीर वित्तीय आरोप भी लगे हुए हैं।

किंगफिशर एयरलाइंस पर करीब 9000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। यह कर्ज एसबीआई की अगुवाई वाले 17 बैंकों के समूह ने दिया था। पिछले साल मार्च में माल्या भारत से निकल गए थे। उससे पहले उन्होंने यूएसएल के साथ डील की थी, जिसमें उन्हें कंपनी से हटने के एवज में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिली थी और उस वक्त रही किसी भी ‘पर्सनल लायबिलिटी’ से वह मुक्त कर दिए गए थे। तबसे माल्या ब्रिटेन में है। इसके कुछ दिन बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को अपने पासपोर्ट के साथ व्यक्तिगत रूप से 30 मार्च, 2016 को पेश होने को कहा था। भारत ने इस साल 8 फरवरी को औपचारिक तौर पर ब्रिटेन सरकार को भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि के तहत माल्या के प्रत्यर्पण का औपचारिक आग्रह किया था। वहीं, प्रॉपर्टीज की नीलामी अब लैंडर्स की ओर से एसबीआई कैप ट्रस्टी करा रहा है।

गिरफ्तारी का था अंदेशा?
विजय माल्या को क्या अपनी गिरफ्तारी का अंदेशा हो गया था? माल्या ने कुछ वक्त पहले ही ट्वीट करके बैंकों से समझौते की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि वह बैंकों से 9000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने के लिए एकमुश्त समझौता करने को तैयार हैं। उन्होंने लिखा था कि सार्वजनिक बैंको में एक बार में ही सारा कर्ज चुकाने का प्रवाधान है। सैकड़ों कर्जदाताओं इस नियम के तहत कर्ज चुकाया है फिर क्या वजह है कि उन्हें ऐसा करने से रोका जा रहा है।