प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ है नीति आयोग

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नई दिल्ली। नौकरियों में आरक्षण पर की बहस में नीति आयोग भी शामिल हो गया है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मंगलवार को कहा कि हम निजी क्षेत्र की नौकिरयों में आरक्षण के खिलाफ है। उन्होंने स्वीकार किया कि निजी क्षेत्र में अधिक रोजगार बढ़ाने के लिए और प्रयास करने की जरूरत है।

कई राजनीतिक दलों के नेता निजी क्षेत्र की नौकरियों में अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षण की वकालत कर रहे हैं। इस बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि निजी क्षेत्र में नौकरियों में आरक्षण नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर साल 60 लाख लोग श्रम बाजार में शामिल हो रहे हैं।

सरकार इनमें से 10-12 लाख लोगों को ही रोजगार दे पा रही है। ऐसे में निजी क्षेत्र में और अधिक रोगजार बढ़ाने की जरूरत है। कुछ लोग अनौपचारिक क्षेत्र में रोजगार पा लेते हैं। अब यह भी परिपूर्ण हो चुका है। बता दें कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने हाल में निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग की थी।

पूर्व में भी कई राजनीतिक दल इसी तरह की मांग रख चुके हैं। कनार्टक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भी पिछले साल निजी क्षेत्र में आरक्षण की वकालत की थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कुछ माह पूर्व निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग उठाई थी।