आधार से सरकार ने बचाई ₹58 हजार करोड़ की धोखाधड़ी : नीलेकणि

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वॉशिंगटन। सरकार की आधार स्कीम ने सरकारी खजाने के 9 अरब डॉलर (करीब 58 हजार करोड़ रुपये) बचाने में मदद की है। यह कहना है आधार के आर्किटेक्ट माने जाने वाले नंदन नीलेकणि का। उन्होंने कहा कि 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ा जा चुका है। सरकार आधार की वजह से ही ऐसे मामलों की बेहतर निगरानी कर पा रही है।

भारत की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सर्विस फर्म इन्फोसिस के नॉन एग्जिक्यूटिव चेयरमैन ने कहा कि इस सिस्टम को पूर्व की यूपीए सरकार के दौरान लॉन्च किया गया था। उसके बाद वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने काफी उत्साह के साथ इसे सपॉर्ट किया।

नीलेकणि ने ये बातें वर्ल्ड बैंक के पैनल डिस्कशन में ‘विकास के लिए डिजिटल इकॉनमी’ पर चर्चा के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि सही डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की मदद से ही विकासशील देशों के लिए आगे बढ़ना आसान है। उन्होंने कहा कि आधार के सिस्टम पर 100 करोड़ से ज्यादा लोग रजिस्टर कर चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘आधार ने सरकार को 58 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और गैरजरूरी खर्चे से भी बचाया है, क्योंकि आधार की वजह से ड्यूप्लिकेट और फर्जी लाभार्थियों को अलग किया जा सका है। करीब 50 करोड़ लोग हैं, जिन्होंने अपनी आईडी को सीधे बैंक खातों से लिंक करा लिया है।

सरकार ने रियल टाइम में लाभार्थियों के बैंक खातों में कई हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं। इसके साथ ही ऐसे कई और फायदे भी हुए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मेरा इस बात में पूरा भरोसा है कि अगर आप सही डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर सकते हैं तो आप सही दिशा में आगे भी बढ़ सकते हैं।’