GST रिटर्न न भरने वालों के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई

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सरकार जीएसटी रिटर्न दाखिल न करने वाले कई लाख व्यापारियों की राज्यवार सूची तैयार कर रही है, इसके बाद केंद्र और राज्यों के अधिकारी उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे

नई दिल्ली । जानबूझकर जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले कारोबारियों को अब टैक्स अधिकारियों के सवालों का सामना करना पड़ेगा। सरकार जीएसटी रिटर्न दाखिल न करने वाले कई लाख व्यापारियों की राज्यवार सूची तैयार कर रही है। नॉन फाइलर्स व्यापारियों की सूची सभी राज्यों को भेजी जाएगी। इसके बाद केंद्र और राज्यों के अधिकारी उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।

सरकार यह कदम ऐसे समय उठा रही है जब बार-बार रिटर्न दाखिल करने की सीमा बढ़ाए जाने के बावजूद छह लाख से अधिक व्यापारियों ने जुलाई के लिए जीएसटीआर-3बी जमा नहीं किया है जबकि जीएसटीआर-1 रिटर्न दाखिल न करने वालों की संख्या इससे भी अधिक है।

यही वजह है कि अपेक्षानुरूप रिटर्न दाखिल न होने के कारण केंद्र और राज्य दोनों चिंतित हैं। बिहार के उपमुख्यमंत्री और जीएसटी नेटवर्क पर बने मंत्रिसमूह के प्रमुख सुशील कुमार मोदी ने ‘दैनिक जागरण’ को बताया कि जिन व्यापारियों ने जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं किया है ऐसे ‘नॉन फाइलर्स’ की राज्यवार सूची तैयार की जा रही है।

आखिर कौन से ऐसे कारोबारी हैं जो रिटर्न फाइल नहीं कर रहे हैं, इसका ब्यौरा तैयार किया जाएगा। ऐसे कारोबारियों से रिटर्न फाइल न करने की वजह पूछी जाएगी। मोदी ने कहा कि शुरू में जीएसटी आइटी सिस्टम की व्यस्तता के चलते कारोबारी रिटर्न फाइल नहीं कर पा रहे थे लेकिन अब सिस्टम बेहतर ढंग से काम कर रहा है।

हर घंटे एक लाख रिटर्न फाइल किए जा सकते हैं। अगर जीएसटी नेटवर्क में कोई तकनीकी दिक्कत होती तो 53 लाख कारोबारी जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल नहीं कर पाते। उल्लेखनीय है कि जुलाई का जीएसटी रिटर्न (जीएसटीआर-1) फाइल करने की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर थी और सरकार ने कारोबारियों से रिटर्न जमा करने का आग्रह किया। केंद्र ने स्पष्ट किया है कि अब रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को नहीं बढ़ाई जाएगी।

जुलाई के लिए 59.57 लाख कारोबारियों को रिटर्न दाखिल करना है जिसमें से 10 अक्टूबर शाम छह बजे तक करीब 44 लाख कारोबारियों ने ही जीएसटीआर-1 फाइल किया। ऐसे में माना जा रहा है कि जितने लोगों ने जुलाई में जीएसटीआर-3बी दाखिल किया था उसके मुकाबले करीब आठ लाख कारोबारी ऐसे होंगे जो अपना जीएसटीआर-1 निर्धारित समयावधि में दाखिल नहीं कर पाए हैं।

खास बात यह है कि जुलाई में छह लाख से अधिक व्यापारियों ने जीएसटीआर-3बी दाखिल नहीं किया था। रिटर्न फाइल कम रहने पर जीएसटी काउंसिल की छह अक्टूबर को हुई 22वीं बैठक में भी चर्चा हुई थी। इसके अलावा राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने भी अधिकारियों को रिटर्न दाखिल न करने वाले 200-200 व्यापारियों की पहचान कर उनसे यह सवाल करने को कहा है कि आखिर उन्होंने जीएसटी रिटर्न क्यों नहीं दाखिल किया।