रिलायंस जियो, वोडाफोन एवं आईडिया की 5जी नेटवर्क की तैयारी

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नई दिल्ली। वोडाफोन इंडिया, आइडिया सेल्युलर और रिलायंस जियो ने भविष्य की 5 जी तकनीक के लिए अपने नेटवर्क तैयार करने के लिए काम शुरू कर दिया है। ये कंपनियां अब अपने संबंधित नेटवर्कों में मैसिव MIMO technology (मीमो टेक्नोलॉजी या मल्टीमपल इनपुट मल्टीपल आउटपुट तकनीक) को पेश करने की तैयारी कर रहे हैं।

इस तकनीक को 5जी नेटवर्क के लिए एक महत्वपूर्ण घटक माना जाता है। माना जा रहा है कि भारत में 5जी तकनीक 2020 के बाद शुरू हो सकती है।

इन तीनों की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कंपनी भारती एयरटेल ने पहले से ही बैंगलोर और कोलकाता में पहले चरण में 5जी टेक्नोलॉजी को लगाना शुरू कर दिया है। इसके बाद एयरटेल पुणे, हैदराबाद और चंडीगढ़ जैसे अन्य शहरों में भी इसका विस्तार करेगी।

आइडिया सेल्युलर के प्रबंध निदेशक हिमांशु कपापनिया ने बताया कि हम भारत में 4जी पर बड़े पैमाने पर एमआईएमओ लाने की प्रक्रिया में हैं। कंपनी का फिलहाल देशभर में 4जी नेटवर्क है और वह वर्तमान में विभिन्न शहरों में विशाल एमआईएमओ तकनीक को लाने जा रहा है।

मैसिव मीमो से बेस स्टेशन की क्षमता पांच से सात गुना बढ़ जाती है और इससे हस्तक्षेप काफी हद तक कम हो जाता है। यानी डिवाइस में जाने वाले सिग्नल का ट्रांसमिशन काफी बढ़ जाता है। सीधी भाषा में कहा जाए, तो इसका मतलब यह है कि ग्राहक को औसतन 30 से 35 एमबीपीएस तक की डेटा स्पीड मिलती है, जो अधिकतम 50 एमबीपीएस तक हो सकती है।

वोडाफोन इंडिया के निदेशक टेक्नोलॉजी विशाल वोरा ने कहा कि 5जी को अभी देश में शुरू करने में कुछ साल लग सकते हैं। हम मैसिव मीमो जैसी 5जी टेक्नोलॉजी की कुछ चीजों को 4जी में लाने जा रहे हैं और उन्हें लागू कर रहे हैं। हम इस तकनीक के परीक्षण का ट्रायल कर रहे हैं। यह 5जी में बहुत ही भविष्यवादी है, लेकिन हम इसे 4जी में उपयोग कर रहे हैं।

मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो का देशभर में आईपी नेटवर्क है। कंपनी ने पहले कहा था कि इसके 4जी नेटवर्क को आसानी से 5जी और उससे आगे की जेनरेशन में बढ़ाया जा सकता है। जियो वर्तमान में चीनी गियर निर्माता जेडटीई के साथ बड़े पैमाने पर एमआईएमओ टेक्नोलॉजी का परीक्षण कर रहा है।