जीएसटी में छोटे कारोबारियों को जेटली ने दिया दिवाली का तोहफा

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कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ा दिया है। इस स्कीम में अब एक करोड़ तक के टर्नओवर वालों को भी शामिल कर लिया गया है

नई दिल्ली। जीएसटी लागू होने के बाद से लगातार आलोचना का शिकार हो रही केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दिवाली गिफ्ट दिया। जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी के तहत कई तरह की छूटों की घोषणा की। इन छूटों से छोटे कारोबारियों, निर्यातकों और उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलने की उम्मीद है।

एक्सपोर्टर्स का फंसा हुआ पैसा मिलेगा
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद में एक्सपोर्टर्स की समस्या पर विचार हुआ। जीएसटी लगने की वजह से एक्सपोटर्स का क्रेडिट काफी ब्लॉक हो रखा है, जिसका असर उनकी कैश लिक्विडिटी पर पड़ा है। जेटली ने कहा कि इसका डेटा तो उपलब्ध है लेकिन तुरंत रीपेमेंट व्यवस्था धीरे-धीरे बन रही है।

उसमें थोड़ा समय लगेगा। ऐसे में तय हुआ है कि 10 अक्टूबर से जुलाई का और 18 अक्टूबर से अगस्त का रीफंड प्रोसेस करके एक्सपोटर्स को चेक से भुगतान कर दिया जाएगा। यह केवल अंतरिम व्यवस्था होगी।

कंपोजिशन स्कीम : टर्नओवर एक करोड़ हुआ
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंझोले और छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ा दिया है। इस स्कीम में पहले 75 लाख के टर्नओवर वाले कारोबारी थे, अब इसे बढ़ाकर इसमें एक करोड़ तक के टर्नओवर वालों को भी शामिल कर लिया गया है।

जीएसटी के तहत इस स्कीम में 3 प्रकार के लोग आते हैं। पहला ट्रेडर्स जो एक फीसदी टैक्स देंगे, दूसरा मैन्युफैक्चरर्स जो दो फीसदी टैक्स देंगे और तीसरा रेस्तरां बिजनस वाले, जिन्हें 5 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा। अब दायरा बढ़ जाने से तीनों तरह के कारोबारियों को राहत मिलेगी। सर्विसेज को इस स्कीम में शामिल नहीं किया गया है।

एसी रेस्तरां में सस्ता होगा खाना
जेटली ने बताया कि बैठक में एसी रेस्तराओं पर टैक्स की दरें कम करने का सवाल भी उठाया गया। इसके मद्देनजर, इन पर 18 फीसदी के बजाय 12 फीसदी की जीएसटी दर लागू करने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। इसे लागू करने के तरीके पर विचार करने के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) का गठन कर दिया गया है जो 20 दिन में अपनी रिपोर्ट देगा। लेकिन अगर दरें कम की गईं तो उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा से हाथ धोना पड़ सकता है।

अब ये चीजें मिलेंगी सस्ती
जीएसटी काउंसिल ने कई वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स घटा दिया है। ऐसी करीब 27 चीजें है जिनपर राहत मिल गई है। स्लाइ्स ड्राइड मैंगो पर जीएसटी 12 से 5 फीसदी, खाखड़ा व प्लेन चपाती पर 12 से 5, बच्चों के पैकेज्ड फूड पर 12 से 5, अनब्रैंडेड नमकीन पर 12 से 5, अनब्रैंडेड आयुर्वेदिक दवाओं पर जीएसटी 12 से 5 फीसदी कर दी गई है।

इसके अलावा प्लास्टिक, रबर वेस्ट पर जीएसटी 18 से 5 फीसदी जबकि पेपर वेस्ट पर 12 से 5 फीसदी कर दी गई है। मार्बल और ग्रेनाइट को छोड़कर दूसरे स्टोन, स्टेशनरी, डीजल इंजन के पार्ट्स पर जीएसटी 28 से 18 फीसदी कर दी गई है। ईवेस्ट पर जीएसटी 28 से 5 फीसदी कर दी गई है। सर्विसेज में जरी के काम और आर्टिफिशल जूलरी पर जीएसटी 12 से 5 फीसदी कर दी गई है।

बैठक के बाद वित्त मंत्री ने किए ये ऐलान
– पहले 50,000 रुपये से ऊपर की ज्वेलरी खरीदारी पर पेन दिखाना जरुरी था। लेकिन जीएसटी में बदलाव के बाद अब 2 लाख से ऊपर की ज्वेलरी खरीद पर पैन दिखाना जरुरी कर दिया गया है।  
– जीएसटी के तहत अभी तक कारोबारी हर महीने रिटर्न फाइल कर रहे हैं। लेकिन अब हर 3 महीने में रिटर्न फाइल करने की व्यवस्था पर सहमति बन गई है। 1.5 करोड़ रुपये टर्नओवर पर हर 3 महीने में रिटर्न भरनी होगी। बैठक के बाद वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि डेढ़ करोड़ रुपये सालाना कारोबार करने वाले व्यावसायी अब मासिक के बजाय तिमाही रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
– कंपोजिशन स्कीम के तहत ट्रेडिंग करने वाले लोग अब 1 फीसदी टैक्स देंगे। मैन्युफैक्चरिंग करने वाले 2 फीसदी टैक्स देंगे। रेस्टोरेंट बिजनस वालों को 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा। 
– नियार्तकों के लिये ई-वॉलेट एक अप्रैल 2018 से शुरू होगा 
– जुलाई एक्सपोर्ट्स के रिफंड चेक 10 अक्टूबर तक प्रोसेस कर दिए जाएंगे। अगस्त एक्सपोर्ट्स के रिफंड चेक 18 अक्टूबर तक प्रोसेस कर दिए जाएंगे। 
– अब एक ही फॉर्म से जीएसटी फाइल की जा सकेगी. साथ ही रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को मार्च 2018 तक स्थगित कर दिया गया है।