कृषि विज्ञान केंद्र को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा-केशवा

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कोटा। कृषि विज्ञान केन्द्र की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक गुरुवार को प्रो. जीएल केशवा, कुलपति, कृषि विश्वविद्यालय की अध्यक्षता में हुई। मुख्य अतिथि डॉ. एसके सिंह, निदेशक, कृषि विभाग, अटारी, जोधपुर रहे।

प्रो. जीएल केशवा ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र को देश में मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। जिससे प्रदेश के कृषक एवं प्रसार कार्यकर्ता यहां के टेक्नोलॉजी मॉड्यूल को अपनाकर आय में वृद्धि कर सकें। इस केन्द्र पर करीब 17 करोड़ रुपए की आठ परियोजनाएं चल रही हैं।

मुख्य अतिथि डॉ. एसके सिंह ने कहा कि जिले की कृषि की उत्पादकता में वृद्धि कर अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र जिले में ज्ञान एवं संसाधन केंद्र के रूप में कार्य कर रहे हैं।

डॉ. केएम गौतम, निदेशक प्रसार शिक्षा ने बताया कि इस केन्द्र की राष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान को देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन पुरस्कार से इस वर्ष सम्मानित किया गया। प्रो. जीएल केशवा और डाॅ. एसके सिंह ने माॅडल खाद्य प्रसंस्करण इकाई का उद्‌घाटन किया गया।

डॉ. महेन्द्र सिंह ने बताया कि एक वर्ष में 270 लाख रुपए की लागत से माॅडल खाद्य प्रसंस्करण इकाई, डेयरी इकाई, दलहन सीड़ हब आदि की स्थापना की गई है।

कार्यक्रम में डाॅ. आरके सिंह, डॉ. एचआर चौधरी, पीके गुप्ता, डॉ. रामावतार शर्मा, बलवंत सिंह, राजीव दायमा, केएस कुंपावत, डॉ.आरबी सिंह, सुधीर मान, प्रवेश कुमार, नरेन्द्र मालव ने नई तकनीकियों की जानकारी दी।

इस अवसर पर डॉ. केएम शर्मा द्वारा लिखित फोल्डर उर्वरकों के समुचित प्रयोग तथा डाॅ. एमके पूनियां द्वारा लिखित लहसुन की नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी के फोल्डर का विमोचन किया गया।