समर्थन मूल्य पर अब 169 केन्द्रों पर होगी खरीद,15 और बढ़ाए

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जयपुर। राज्य में समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द, मूंगफली एवं सोयाबीन की खरीद के लिए 15 नए खरीद केन्द्र और बनाए गए हैं। अब राज्य में समर्थन मूल्य पर खरीद हेतु 169 केन्द्र हो गए हैं। मूंग के लिए 87, उड़द के लिए 29, मूंगफली के लिए 32 तथा सोयाबीन के लिए 21 खरीद केन्द्र बनाए गए हैं।

प्रारम्भ में मूंग, उड़द एवं सोयाबीन की खरीद प्रारम्भ की गई है तथा अगले पखवाड़े से मूंगफली की खरीद शुरू हो जाएगी। मूंग, उड़द, मूंगफली एवं सोयाबीन की आवक के आधार पर राज्य सरकार आवश्यकतानुसार अतिरिक्त खरीद केन्द्र स्थापित करने में नहीं हिचकेगी।

राज्य सरकार किसानों को उनकी गाढ़े पसीने से उपजाई उपज को बेचने में किसी प्रकार की परेशानी न होने देने के लिए कृतसंकल्प है। यह जानकारी सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने बुधवार को दी।  किलक ने बताया कि किसानों में ऑनलाइन पंजीयन के प्रति भारी उत्साह है।

मात्र दो दिनों में 10 हजार 152 किसानों ने ऑनलाइन पंजीयन करवा लिया है। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया से किसान बिना किसी परेशानी के निर्धारित दिवस को अपनी उपज को बेच सकेंगे तथा उसका भुगतान घर बैठे उनके खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि यदि किसी किसान की उपज 25 क्विंटल से अधिक है तो उसे चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं है। ऑनलाइन पंजीयन के दौरान स्वतः ही उसे आगे की एक और दिनांक आवंटित कर दी जाएगी, उस दिन वह अपनी शेष उपज को खरीद केन्द्र पर आकर बेच सकेगा।            

सहकारिता मंत्री ने बताया कि खरीद केन्द्रों पर उपज की गुणवत्ता के संबंध में विवादों के मौके पर ही निराकरण हेतु कमेटी का गठन कर दिया है।

खरीद केन्द्र से संबंधित क्रय-विक्रय सहकारी समिति के व्यवस्थापक या केन्द्र प्रभारी, नेफैड द्वारा नियुक्त किस्म निरीक्षक/सर्वेयर, संबंधित कृषि उपज मंडी समिति के सचिव या उसका प्रतिनिधि तथा कृषि विभाग के संबंधित कृषि पर्यवेक्षक को मिलाकर कमेटी बनाई गई है, जो गुणवत्ता से संबंधित प्रकरणों का मौके पर ही निस्तारण करेगी।

मूंग के लिए 17 जिलों में 87 केन्द्र            
 किलक ने बताया कि मूंग खरीद के लिए 17 जिलों में 87 केन्द्र बनाए गए हैं। मूंग के लिए खोले गए खरीद केन्द्रों मेंअजमेर के केकड़ी, किशनगढ़, सरवाड़, नसीराबाद, अजमेर व विजयनगर, नागौर के डेगाना, मेड़ता, जायल(नागौर समिति), कुचामनसिटी, खींवसर, परबतसर, नागौर, बेंसरोली (गच्छीपुरा समिति) व डीडवाना, भीलवाड़ा के भीलवाड़ा, शाहपुरा एवं गुलाबपुरा, टोंक के मालपुरा, टोडारायसिंह, टोंक एवं निवाई, जयपुर के सांभर, फागी, दूदू, कूकरखेड़ा व चौमूं, सीकर के सीकर, श्रीमाधोपुर, दातारामगढ़, लक्ष्मणगढ़ व नीमकाथाना, झुंझुनूं के झुंझुनूं, चिड़ावा, उदयपुरवाटी, नवलगढ़ व सूरजगढ़ एवं दौसा जिले में दौसा शामिल हैं।            

इसी प्रकार जोधपुर के जोधपुर, फलौदी, बालेसर, मथानिया, भोपालगढ़, पीपाड़, बावड़ी, औंसिया(मथानिया) व बिलाड़ा, बाड़मेर के बालोतरा एवं बायतु, पाली के सुमेरपुर, पाली, जैतारण व सोजत रोड़, बीकानेर के बीकानेर एवं नौखा, जालोर के जालोर व भीनमाल, जैसलमेर के राजमथाई, 2पीटीएम, चांधन, फतेहगढ़ व मोहनगढ़, हनुमानगढ़ में नोहर, संगरिया, भादरा, रावतसर, हनुमानगढ़ जंक्शन, हनुमानगढ़ टाउन एवं गोलूवाला, श्री गंगानगर के श्रीकरणपुर, पदमपुर, श्रीविजयनगर, सूरतगढ़, बीझबायला, घड़साना, रायसिंहनगर, समेजाकोठी, केसरीसिंहपुर, रावला, अनूपगढ़, गजसिंहपुर, जेतसर, रिड़मलसर एवं सार्दुलशहर तथा चूरू के चूरू, सुजानगढ़ व सादुलपुर केन्द्रों पर मूंग की खरीद होगी।

उड़द के लिए 10 जिलों में 29 केन्द्र            
सहकारिता मंत्री ने बताया कि उड़द के लिए 10 जिलों में 29 केन्द्र खोले गए हैं। इन खरीद केन्द्रों में कोटा में कोटा, सुल्तानपुर, इटावा एवं रामगंजमण्डी, झालावाड़ में भवानी मंडी, झालरापाटन एवं खानपुर, बूंदी में बूंदी व नैनवा(देई), बांरा में बांरा व अटरू, प्रतापगढ़ में प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ में निम्बाहेड़ा एवं बड़ी सादड़ी, टोंक में टोंक, निवाई, उनियारा, देवली व दूनी शामिल हैं।            

इसी प्रकार अजमेर में केकड़ी, सरवाड़ व विजयनगर, भीलवाड़ा में शाहपुरा, माण्डलगढ़, जहाजपुर, गुलाबपुरा व भीलवाड़ा तथा सवाईमाधोपुर में सवाईमाधोपुर एवं चौथ का बरवाड़ा खरीद केन्द्र बनाए गए हैं।

सोयाबीन के लिए 6 जिलों में 21 केन्द्र            
 किलक ने बताया कि कोटा खण्ड में सर्वाधिक 18 केन्द्र जबकि उदयपुर में तीन केन्द्र स्थापित किए गए हैं। कोटा में कोटा, सुल्तानपुर, इटावा, रामगंज मण्डी एवं सांगोद, बांरा में बांरा, अन्ता, अटरू, छबड़ा व छीपाबड़ौद, बूंदी में बूंदी, कापरेन व देई, झालावाड़ में झालरापाटन, खानपुर, इकलेरा, भवानी मंडी व चौमहला, प्रतापगढ़ में प्रतापगढ़ तथा चित्तौडगढ़ में छोटी सादड़ी एवं निम्बाहेड़ा केन्द्रों पर उड़द की खरीद होगी।

मूंगफली के लिए 12 जिलों के 32 केन्द्र            
सहकारिता मंत्री ने बताया कि भीलवाड़ा में भीलवाड़ा, नागौर में मेड़ता, कुचामन एवं नागौर, टोंक में टोंक, मालपुरा एवं निवाई, जयपुर में चौमूं, कूकरखेड़ा एवं चाकसू, सीकर में श्रीमाधोपुर एवं सीकर तथा दौसा में दौसा एवं लालसोट में स्थित केन्द्रों पर मूंगफली की खरीद की जाएगी।            

उन्होंने बताया कि इसी प्रकार जोधपुर में बालेसर, जोधपुर, मथानिया, औंसिया एवं फलौदी, जैसलमेर में पोकरण, चांधन, राजमथाई एवं 2पीटीएम, बीकानेर में बीकानेर, नोखा, श्रीडूंगरगढ़ एवं लूणकरणसर, चूरू में सरदारशहर एवं सुजानगढ़ तथा हनुमानगढ़ में रावतसर, सिरोही में फतहनगर एवं रेवदर केन्द्र पर खरीद की जाएगी।

तेल-तिलहन अनुज्ञापन प्रणाली की अवधि 30 सितम्बर 2018 तक बढाई
राज्य सरकार द्वारा तेल-तिलहनों के ऊपर अनुज्ञापन प्रणाली की अवधि 30 सितम्बर 2018 तक बढ़ा दी गई है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा राजस्थान व्यापारिक वस्तु (अनुज्ञापन एवं नियंत्रण) आदेश, 1980 के अंतर्गत तेल-तिलहनों के ऊपर अनुज्ञापन प्रणाली वर्ष 2015 में लागू की गई थी।

भारत सरकार की ओर से 27 सितम्बर 2017 को जारी अधिसूचना के क्रम में राज्य सरकार द्वारा तेल-तिलहन की अनुज्ञापन संबंधी प्रावधानों की पालना हेतु 29 सितम्बर 2017 को अधिसूचना जारी कर अनुज्ञापन व्यवस्था 30 सितम्बर 2018 तक निरन्तर लागू रखने के आदेश जारी किये गये हैं।