जीएसटी की नई दरें 4%, 16% और 24% संभव, जेटली ने दिए संकेत

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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में संकेत दिए थे कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत टैक्स स्लैब में कमी लाए जाने की गुंजाइश है। माना जा रहा है कि अगर ऐसा होता है तो नई दरें कर प्रणाली को आसान बनाने के साथ साथ इसे पारदर्शी, कुशल और करदाताओं के अनुकूल बना देंगी।

मौजूदा समय में देश के भीतर जीएसटी के अंतर्गत 5 फीसद, 12 फीसद, 18 फीसद और 28 फीसद की चार टैक्स दरें हैं। ऐसे में 12 फीसद और 18 फीसद के बजाए 16 फीसद की एक नई टैक्स दर काफी मददगार साबित हो सकती है।

जीएसटी की चार दरों के अलावा 0 फीसद की भी एक दर रखी गई है जिनमें उन अधिकांश वस्तुओं को रखा गया है जो सार्वजनिक उपभोग की हैं और इनका इस्तेमाल काफी ज्यादा होता है।

वहीं सोने-चांदी पर 3 फीसद की जीएसटी दर रखी गई है जबकि आटोमोबाइस जैसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं पर अतिरिक्त उपकर (सेस) भी लगाया गया है। 

वस्तु एवं सेवा कर को 1 जुलाई 2017 से ही देशभर में लागू कर दिया गया था। उस वक्त 1200 के अधिक वस्तुओं और 500 से अधिक सेवाओं पर कर की दरों का निर्धारण किया गया था।

वहीं कुछ वस्तुओं पर कर की दरों को लेकर सामने आई कुछ मांगों को ध्यान में रखते हुए कुछ वस्तुओं पर कर की दरों में संशोधन भी किया गया और कुछ को छूट के दायरे में रखा गया। इसके अंतर्गत बनाई गई काउंसिल 21 बैठकें कर चुकी है।