काले धन पर तगड़ी चोट के खिलाफ कानून और सख्त होगा

1077

नए प्रावधानों से आय कर विभाग को कर चोरों से बकाया वसूलने के लिए उनकी अघोषित विदेशी संपत्ति के मूल्य के बराबर घरेलू संपत्ति जब्त और कुर्क करने का अधिकार मिल जाएगा

मुंबई। सरकार विदेशों में काला धन रखने वालों के खिलाफ कानून को और सख्त बनाने जा रही है। काला धन कानून के नए प्रावधानों के मुताबिक आय कर विभाग विदेश में काला धन या अघोषित संपत्ति रखने वालों की भारतीय संपत्ति को कुर्क और जब्त कर सकता है।

साथ ही ऐसे कर चोरों के खिलाफ धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत अलग से मुकदमा चलाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अघोषित विदेशी आय के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) तथा काला धन कानून 2015 के मौजूदा ढांचे में कुछ नए प्रावधान किए हैं।

मौजूदा कानून में यह प्रावधान नहीं है कि अघोषित विदेशी धन या संपत्ति को पीएमएलए के तहत मुकदमा चलाने के लिए सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा या नहीं। अलबत्ता यह केवल संपत्ति कर कानून, विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून, कंपनी कानून और सीमा शुल्क कानून से बचाव की गारंटी देता है।
 
नए प्रावधानों से आय कर विभाग को कर चोरों से बकाया वसूलने के लिए उनकी अघोषित विदेशी संपत्ति के मूल्य के बराबर घरेलू संपत्ति जब्त और कुर्क करने का अधिकार मिल जाएगा। इसी तरह अघोषित विदेशी आय और संपत्ति के मामले में कर चोरी को अपराध बनाने के लिए पीएमएलए कानून में संशोधन किया गया है।

इतना ही नहीं अगर कोई व्यक्ति पहले अघोषित संपत्तियों पर कर और जुर्माने का भुगतान करता है तो उस पर भी पीएमएलए के तहत गाज गिर सकती है। विभाग ने इसी सप्ताह इस बारे में एक आतंरिक परिपत्र वितरित किया था। कानून में संशोधन के बारे में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड जल्द ही अधिसूचना जारी कर सकता है। 
 
काला धन कानून 2015 में बना था लेकिन यह अघोषित विदेशी संपत्ति का पता लगाने और लंबित मामलों को निपटाने में बहुत कारगर नहीं रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब तक केवल 52 मामलों की पहचान हुई है, जिनमें से 9 मामले मुंबई के हैं।

विभाग इसे पिछली तारीख से लागू करने की मांग कर रहा था और अब उसके मुताबिक इसमें प्रावधान किए गए हैं। यानी अगर किसी व्यक्ति के पास कानून के लागू होने से पहले अघोषित विदेशी संपत्ति थी और उसने अनुपालन अवधि के दौरान उसका खुलासा नहीं किया है तो उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है। 
 
इतना ही नहीं अघोषित विदेशी आय पर उस समय की कीमत के मुताबिक कर लगेगा जब पिछले वर्षों के दौरान इसका पता चला था। आयकर कानून के तहत आय छिपाने का जुर्माना वास्तविक कर का तीन गुना होगा। कानून के तहत यह अपराध मध्यस्थता के लायक नहीं है और अपराधी आयकर निपटान आयोग में गुहार नहीं लगा सकता।

किसी के खिलाफ जांच शुरू होने के 21 दिन के भीतर विदेशी अदालत में अर्जी लगाई जा सकती है ताकि आयकर अधिकारियों को तुरंत जानकारी मिल सके और संबंधित देश के जवाब के बाद आगे की कार्रवाई की जा सके। इसमें कर आकलन करने वाले अधिकारी को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं।

वह संयुक्त आयुक्त की अनुमति के बिना संबंधित व्यक्ति के खिलाफ जांच शुरू कर सकता है और जुर्माने का आदेश दे सकता है। काला धन कानून के तहत अघोषित विदेशी संपत्ति का खुलासा करने का एक मौका दिया गया था। इसके लिए व्यक्ति को बकाया कर के अलावा घोषित विदेशी संपत्ति की कीमत का 60 फीसदी जुर्माना देना था।

30 सितंबर, 2015 को शुरू हुई इस योजना के तहत 4,164 करोड़ रुपये की कुल 644 संपत्तियों की घोषणा की गई थी जिस पर सरकार को 2,428 करोड़ रुपये का कर मिला था। कानून में नए प्रावधान उस वक्त किए गए हैं, जब आयकर विभाग अघोषित विदेशी संपत्ति के कई बड़े मामलों की जांच कर रहा है।