इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की डिमांड बढ़ेगी : नैस्कॉम

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सॉफ्टवेयर कंपनियां अपने एंप्लॉयीज के स्किल बढ़ाने में इन्वेस्टमेंट कर रही हैं।

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे नए एरिया में एंप्लॉयीज को ट्रेनिंग दी जा रही है।

नई दिल्ली। सॉफ्टवेयर कंपनियों के संगठन नैस्कॉम ने अगले फाइनैंशल इयर में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की डिमांड बढ़ने की उम्मीद जताई है । नैस्कॉम का कहना है कि फाइनैंशल इयर 2019 में फाइनैंशल सेक्टर का टेक्नोलॉजी पर खर्च बढ़ सकता है और अमेरिकी क्लाइंट्स की ओर से डिमांड में बढ़ोतरी हो सकती है।

नैस्कॉम के प्रेजिडेंट आर चंद्रशेखर ने कहा, ‘अगले फाइनैंशल इयर के लिए आशावादी होने के कारण मौजूद हैं। हम बेहतर संकेत देख रहे हैं। डिमांड को लेकर संभावना अच्छी दिख रही है।’

उन्होंने बताया कि फाइनैंशल सेक्टर की ओर से टेक्नोलॉजी में इन्वेस्टमेंट बढ़ सकता है और अमेरिका से भी डिमांड में वृद्धि हो सकती है।

नैस्कॉम प्रेजिडेंट आर चंद्रशेखर ने कहा कि सॉफ्टवेयर कंपनियां ग्रोथ बढ़ाने के लिए नई डिजिटल टेक्नोलॉजी के बारे में अपने एंप्लॉयीज को स्किल ट्रेनिंग दे रही हैं।

उन्होंने बताया, ‘इसके नतीजे अगले कुछ महीनों में दिखने लगेंगे। इससे अगला वित्त वर्ष बेहतर रह सकता है।’ चंद्रशेखर ने इस वर्ष सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के अपना ग्रोथ का टारगेट पूरा करने का भी विश्वास जताया।

नैस्कॉम ने जून में सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के लिए सालाना गाइडेंस जारी करते हुए कहा था कि भारत का इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी  एक्सपोर्ट पिछले वर्ष के समान 7-8 पर्सेंट बढ़ेगा। नैस्कॉम ने देश की इन्फोटेक इंडस्ट्री की ग्रोथ 10-11 पर्सेंट रहने की संभावना जताई थी।

सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इनमें अमेरिका और ब्रिटेन जैसे महत्वपूर्ण मार्केट्स में वर्क वीजा को लेकर कड़े नियम और बिजनस का अनिश्चित माहौल शामिल हैं।

चंद्रेशखर ने कहा कि इंडस्ट्री को संरक्षणवाद को लेकर चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि जारी किए गए वीजा की संख्या में बदलाव नहीं हुआ है। उनका कहना था, ‘65,000 वीजा की सीमा बरकरार है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।

हालांकि, भारतीय कंपनियों की वीजा पर निर्भरता कम हुई है। कंपनियों के लिए ऑटोमेशन जैसे टेक्नॉलजी और बिजनस ट्रेंड्स पर ध्यान देना अधिक महत्वपूर्ण है।’

उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर कंपनियां अपने एंप्लॉयीज के स्किल बढ़ाने में इन्वेस्टमेंट कर रही हैं। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे नए एरिया में एंप्लॉयीज को ट्रेनिंग दी जा रही है।

इससे एफिशिएंसी के साथ ही रेवेन्यू ग्रोथ बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। नैस्कॉम सेंटर ऑफ एक्सिलेंस (COE) बनाने के लिए सॉफ्टवेयर कंपनियों के साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

नैस्कॉम ने बेंगलुरु में इस तरह का एक सेंटर बनाया है जो इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर फोकस कर रहाहै। सरकार ने अब गुरुग्राम, अहमदाबाद और विशाखापट्टनम में तीन और सेंटर बनाने की स्वीकृति दी है।