पेट्रोल-डीजल से 5 साल में 3 गुना बढ़ी केंद्र की कमाई

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बीते वित्त वर्ष में अप्रत्यक्ष करों में कई बार की गई बढ़ोतरी से सरकार के खजाने में 2.67 लाख करोड़ रुपए की रकम आई है

भोपाल। कच्चे तेल के दामों में कमी रही है वहीं हमारे देश में पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ रहे हैं। इससे आम आदमी की जेब हल्की हो रही है। लेकिन सरकार का खजाना भर रहा है।

बीते वित्त वर्ष में अप्रत्यक्ष करों में कई बार की गई बढ़ोतरी से सरकार के खजाने में 2.67 लाख करोड़ रुपए की रकम आई है। यह एक रिकॉर्ड है। यह जानकारी राजस्व विभाग के अंतर्गत काम करने वाले डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ सिस्टम एंड डाटा मैनेजमेंट (डीजीएसडीएम) द्वारा आरटीआई अर्जी के जवाब में उपलब्ध कराए आंकड़ों में सामने आई है।

इसके मुताबिक पेट्रोलियम उत्पादों पर अप्रत्यक्ष करों (केंद्रीय उत्पाद और आयात सीमा शुल्क) से बीते पांच वित्त वर्ष में सरकार की आमदनी लगभग तीन गुना हो गई है। डीजीएसडीएम ने यह आंकड़े मध्यप्रदेश में नीमच जिले के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ को मुहैया कराई है।

उन्होंने निदेशालय से सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत 2012-13 से 2016-17 के बीच पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाले केंद्रीय शुल्क सरकार की आमदनी पर जानकारी मांगी थी। गौड़ का कहना है कि सरकार को पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए।

ऐसा करना तर्कसंगत होगा। आम उपभोक्ताओं को भी इसका लाभ मिलेगा। ऐसा मैकेनिज्म विकसित करना चाहिए जब पेट्रोलियम उत्पादों के दाम एक सीमा से ऊपर जाने लगे तो टैक्स की दरों में स्वत: कमी आने लगे।

पेट्रोलियम उत्पादों पर अप्रत्यक्ष करों से आय
वित्तवर्ष           प्राप्त राजस्व
2012-13      98,602 करोड़ रु.
2015-16        2.38 लाख करोड़ रु.
2016-17        2.67 लाख करोड़ रु.
पांच साल में डीजल पर राजस्व 5.51 गुना बढ़ा
वर्ष              पेट्रोल         डीजल
2012-13     23,710      22,513
2016-17     66,318   1,24,266
वृद्धि           2.80 गुना  5.51 गुना
(आंकड़े करोड़ रुपए में)