युवा वर्ग प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन उद्योग स्थापित करें -सैनी

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कृषि विश्वविद्यालय कोटा में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबन्धन एवं गुणवत्ता सुधार केन्द्र का शिलान्यास व मॉडल डेयरी का शुभारम्भ

कोटा । कृषि पशुपालन मंत्री एवं जिला प्रभारी मंत्री डॉ. प्रभुलाल सैनी ने कहा कि युवा स्वरोजगार हेतु प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन आधारित लघु उद्योगों की स्थापना कर सफल उद्यमी बने यही कृषि का मूलमंत्र है। उन्होंने कहा कि आनेवाला समय खेती का है नवाचार अपनाकर कृषि प्रसंस्करण एवं दुग्ध व्यवसाय के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल किया जा सकता है। 
कृषि मंत्री शनिवार को कृषि विश्वविद्यालय कोटा में 292.70 लाख की लागत से बनने आले कृषि प्रौद्योगिकी प्रबन्धन एवं गुणवत्ता सुधार केन्द्र के शिलान्यास, नव निर्मित मॉडल डेयरी इकाई के उद्घाटन के बाद कृषि विज्ञान केन्द्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवा उद्यमियों को सम्बोधित कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि खेती में नवाचार अपनाने की आवश्यकता है, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन के द्वारा अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। औषधीय फसलों, जैतुन, क्युनिवा, लहसुन, सोयाबीन के अनेक उपयोगी उत्पाद प्रसंस्करण के द्वारा सामने आ रहे हैं।  उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा युवाओं को खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी स्थापना के लिए अनुदान दिया जा रहा है इसका फायदा लेने के लिए जागरूक होना होगा तथा जनप्रतिनिधियों को भी पात्र लोगों को प्रेरित करना होगा।

उन्होंने केन्द्र की खाद्य प्रसंस्करण इकाई के सोयाबीन प्रसंस्करण प्लान्ट का भी अवलोकन किया तथा सोयाबीन से सोयामिल्क व पनीर बनाने की मशीन से बनते हुए देखा तथा सोयाबीन के अन्य उत्पादों के बारें में वैज्ञानिकों से जानकारी ली। उन्होनें खाद्य प्रसंस्करण के प्रशिक्षार्थियों एवं सफल उद्यमियों से भी चर्चा की तथा सफल उद्यमियों को उनके द्वारा प्रशंसा पत्र प्रदान किये गये। इस अवसर पर उन्होनें कृषि विश्वविद्यालय, कोटा के न्यूज लेटर का विमोचन किया।

मॉडल डेयरी से मिलेगी युवाओं को प्रेरणा ( देखिए वीडियो )

राष्ट्रीय कृषि योजना के अन्तर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र पर निर्मित मॉडल डेयरी इकाई का उद्घाटन भी डॉ. सैनी द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि ए-2 दूध की भारी मांग को देखते हुए देशी गायों की उत्पादकता बढाकर किसानों की आय में बढोतरी की जा सकती है। ए-2 दूध मुम्बई एवं दिल्ली में 100 से 200 रूपये प्रति लीटर तक बिक रहा है।

परियोजना के प्रभारी डॉ. महेन्द्र गर्ग ने बताया कि मॉडल डेयरी में 16 गिर नस्ल की गायें खरीदी गई। इसके माध्यम से ग्रामीण युवाओं को डेयरी प्रबन्धन का कौशल उन्नयन प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे प्रेरित होकर कोटा जिले में 40 युवाओं द्वारा स्वयं की डेयरी स्थापित की गई है।

इस योजना के अन्तर्गत 132 बायोगैस संयत्र 2 क्यूबिक मीटर के किसानों के यहाँ लगाये गये है तथा पशुओं को दूध बढ़ाने के लिए दाना व मिनरल मिक्चर भी लगभग 2000 पशुपालकों को दिया गया। हाडौती सम्भाग में पानी व हरा चारा प्रर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने से डेयरी उद्योग का अच्छा भविष्य है।

हाडौती के लिए वरदान होगी सोयाबीन की नई किस्म
कृषि मंत्री द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र के फार्म की फसलों का अवलोकन कर सोयाबीन की नवीन किस्म जे.एस. 20-29, मूंग की किस्म आई.पी.एम. 02-03 एवं उडद की किस्म पी.यू.-31 की सराहना की और इन किस्मों का बीज अधिक से अधिक कृषकों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

उन्होंने कि सोयाबीन की किस्म जे.एस. 20-29 की अधिक उत्पादन क्षमता हाडौती के लिए वरदान साबित होगी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जी.एल. केशवा ने बताया कि गत वर्ष लगभग 16034 क्विंटल बीज का उत्पादन विश्वविद्यालय द्वारा किया गया तथा किसानों को लगभग 2000 क्विंटल विभिन्न फसलों की नवीन किस्मों का बीज किसानों को उपलब्ध कराया जाता है