इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स आधार से ही दे सकेंगे परीक्षा

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एग्जाम फॉर्म में लिखना होगा नंबर, प्रतियोगी परीक्षाओं में लागू हो चुका है आधार :आरटीयू 

कोटा। नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी के तहत आरटीयू ने अब स्टूडेंट्स के डॉक्यूमेंट को ऑनलाइन सुरक्षित करने की शुरुआत कर दी है। अब इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स का आधार नंबर होने पर ही उनको एग्जाम में बैठने दिया जाएगा।
यूजीसी ने नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी के संबंध में जुलाई में सभी यूनिवर्सिटी को पत्र लिखा है।

अब हर सेमेस्टर के एग्जाम में आधार कार्ड लागू होगा। स्टूडेंट्स को अपने एग्जाम फाॅर्म में आधार नंबर लिखना होगा। इससे पहले राजस्थान इंजीनियरिंग एडमिशन प्रोसेस में भी फाॅर्म भरते समय आधार नंबर मांगा गया था। इसके कारण एडमिशन प्रोसेस में अधिक पारदर्शिता आई थी। उधर, आरटीयू ने साफ किया है कि बच्चों के आधार नंबर भरने की पूरी जिम्मेदारी कॉलेजों की होगी।

नीटऔर जेईई मेन्स की इंजीनियरिंग और मेडिकल परीक्षाओं में इस साल से ही आधार अनिवार्य किया गया था। वहीं सीबीएसई स्कूलों में आधार कार्ड बनाने के लिए कैंप भी लगाए गए थे। फार्म भरते हुए टेंपरेरी आधार नंबर को मान्य करते हुए काउंसलिंग के दौरान आेरिजनल आधार भी मांगा गया था।

यह है एकेडमिक डिपोजिटरी
एकेडमिक डिपोजिटरी के तहत स्टूडेंट्स की मार्कशीट, डिग्री, डिप्लोमा सर्टिफिकेट को ऑनलाइन किया जाएगा। इससे यह फायदा होगा कि स्टूडेंट्स कभी भी एकेडमिक रिकाॅर्ड को देख सकते हैं। नौकरी इंटरव्यू के समय भी रिक्रूटर यह रिकाॅर्ड देख पाएगा। इससे फर्जी मार्कशीट डिग्री का भी क्राॅस वेरिफिकेशन हो पाएगा।