मॉडर्न डेयरी का लोकार्पण कल कृषि मंत्री करेंगे

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40 मिनट में 16 गायों का दूध निकालती है कृषि विवि में स्थापित मॉडर्न डेयरी की मिल्की मशीन

कोटा । एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने बोरखेड़ा कृषि विज्ञान केंद्र पर मॉडर्न डेयरी स्थापित की है। जिसमें पशुओं के लिए वातानुकूलित सिस्टम लगाया गया है। आधुनिक सुविधाओं से लेस इस डेयरी में मिल्की मशीन लगी है जो चालीस मिनट में सोलह गायों का दूध निकालती है।

किसानों को पशुपालन डेयरी कार्य अपनाने के उद्देश्य से मॉडर्न डेयरी को यहां डवलप किया है। यहां बायोगैस जैविक खाद के माॅडल के रूप में बायोगैस संयंत्र स्थापित किया है। इससे पांच सदस्यीय परिवार के लिए छह घंटा गैस मिलती है।

यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. जीएल केशवा का कहना है कि किसान खेती के साथ पशुपालन का कार्य शुरू करे तो वह अपनी आर्थिक उन्नति कर सकता है। उन्होंने बताया कि कृषि मंत्री नवनिर्मित मॉडर्न डेयरी का 21 सितंबर को लोकार्पण करेंगे। यह मॉडर्न डेयरी प्रोजेक्ट 2.74 करोड़ का है।

डेयरी के मुख्य अन्वेषक डॉ. महेंद्र कुमार गर्ग ने बताया कि डेयरी के लिए गुजरात से गिर नस्ल की 16 गायों को लाया गया है। जो 12 से 14 लीटर दूध प्रतिदिन देती हैं। 8-8 गायों पर दो मशीनें है। गायों के शेड का वातावरण ठंडा करने के लिए वातानुकूलित फोगिंग सिस्टम है।

उन्होंने कहा कि मॉडर्न डेयरी की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत स्वीकृत परियोजना है। जिसका उद्देश्य गौ उत्पादकता बढ़ाने के लिए गौ प्रबंधन की उन्नत तकनीकियों को क्षेत्रीय किसानों तक पहुंचाना है। गर्ग ने कहा डेयरी के साथ 2 घनमीटर का गोबर का बायोगैस प्लांट स्थापित किया है।

ऐसे 132 प्लांट 80 फीसदी अनुदान पर किसानों को उपलब्ध कराए गए है। इससे किसानों को गैस 50 किलो जैविक खाद मिलता है। इसे खेत में डालने के बाद अन्य फर्टिलाइजर की जरूरत नहीं पड़ती है।

विवि के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. केएम गौतम ने बताया कि राष्ट्रीय कृषि योजना के तहत बोरखेड़ा कृषि विज्ञान केंद्र पर 2.90 करोड़ के प्रोजेक्ट के अंतर्गत कृषि प्रौद्योगिक प्रबंधन एवं गुणवत्ता सुधार केंद्र बनेगा। जहां किसानों को विवि द्वारा अब तक फसलों में किए गए अनुसंधान उनकी तकनीकी की जानकारी मिलेगी। इस केंद्र की नींव कृषि मंत्री 21 सितंबर को शिलान्यास करते हुए रखेंगे।