दीर्घकालीन कृषि ऋण अब 6.70 प्रतिशत की दर पर

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नवीन ब्याज दर 15 सितम्बर से वितरित ऋणों पर लागू होगी, यह ब्याज दर किसी भी वाणिज्यिक बैंक द्वारा किसानों को दिए जा रहे ऋणों पर न्यूनतम ब्याज दर है

जयपुर। राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है कि किसानों को कम से कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराए जाएं। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से वितरित दीर्घकालीन कृषि ऋणों पर 0.40 प्रतिशत की कमी करने का निर्णय लिया है।

अब समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को मात्र 6.70 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा। यह जानकारी सोमवार को सहकारिता मंत्री  अजय सिंह किलक ने दी।

न्यूनतम ब्याज दर है यह 
किलक ने बताया कि आजादी के समय से ही किसानों को 12 प्रतिशत से अधिक की ब्याज दरों पर ऋण मिलता था, लेकिन वर्तमान सरकार ने आते ही किसानों को मिलने वाले ऋणों पर ब्याज दर को कम करने का निर्णय लिया।

उन्होंने बताया कि समय पर ऋणों का चुकारा करने वाले किसानों को 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान देने का निर्णय किया गया। जिससे किसानों को मात्र 7.10 प्रतिशत ब्याजदर पर ऋण मिलने लगा।

उन्होंने बताया कि नवीन ब्याज दर 15 सितम्बर से वितरित ऋणों पर लागू होगी। यह ब्याज दर किसी भी वाणिज्यिक बैंक द्वारा किसानों को दिए जा रहे ऋणों पर न्यूनतम ब्याजदर है। 

सहकारिता मंत्री ने बताया कि दीर्घ कालीन कृषि ऋण 12.10 प्रतिशत में 0.40 प्रतिशत की कमी और की गई है जिससे किसानों को 11.70 प्रतिशत पर ऋण उपलब्ध होगा।

राज्य सरकार द्वारा 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जा रहा है, जिससे अब किसानों को मात्र 6.70 प्रतिशत की ब्याजदर से दीर्घकालीन ऋण मिल सकेंगे।

उन्होंने बताया कि हाल ही में जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से सहकार कल्याण योजनान्तर्गत वितरित किए जाने वाले ऋणों की ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की कमी की गई थी।

 

इन कार्यों के लिए मिलता है ऋण 
उन्होंने बताया कि प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से कृषि कार्य यथा-ट्रेक्टर, थ्रेशर, ट्रॉली एवं अन्य कृषि यंत्रों की खरीद, नलकूप, नवकूप निर्माण, कूप गहरा/मरम्मत करने, विद्युत/डीजल पम्पसैट खरीद, स्पि्रंकलर एवं फार्म पॉण्ड, लिफ्ट इरिगेशन पम्प हाउस आदि के लिए ऋण दिया जाता है।

उन्होंने बताया कि कृषि संबद्ध कार्य जैसे- फल वृक्षारोपण, डेयरी, मत्स्य पालन, भेड़ बकरी, मार्केट यार्ड, भू-समतलीकरण, भू-संरक्षण, कुक्कुट पालन, फूल खेती, मेहन्दी, अनाज भण्डारण, बायो गैस संयंत्र, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, कृषि क्लिनिक स्थापना आदि के लिए भी ऋण दिया जाता है।