लैण्ड कन्वर्जन के मामलों में टाउन प्लानर की तकनीकी राय की बाध्यता समाप्त

1085

एमएसएमई सेक्टर को प्रोत्साहन के लिए मुख्यमंत्री की घोषणाएं और निर्देश, राजस्थान में एमएसएमई वर्ष मनाये जाने की घोषणा 

जयपुर। लैण्ड कन्वर्जन के मामलों में टाउन प्लानर की तकनीकी राय लिये जाने की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर रविवार को एमएसएमई दिवस पर की। उन्होंने राज्य में एमएसएमई वर्ष मनाये जाने की घोषणा की।

उन्होंने स्टेट हैंगर पर यह घोषणा भी की कि 17 सितम्बर, 2017 से 2 अक्टूबर, 2017 तक पूरे राज्य में एमएसएमई पखवाड़ा मनाया जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर एमएसएमई सेक्टर के लिए कुछ विशेष निर्देश भी दिए। 

मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाएं 
1-    राज्य में एमएसएमई वर्ष मनाया जाएगा व इसके अन्तर्गत 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक एमएसएमई पखवाड़ा मनाया जाएगा। 
2-    राज्य के उद्यमियों को निर्यात संबंधी विभिन्न जानकारी एवं गतिविधियों तथा सर्टिफिकेट ऑफ 
ओरिजन एण्ड रजिस्ट्रेशन कम मेम्बरशिप सर्टिफिकेट के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े, इसके लिए राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल का गठन।  
3-    राज्य के निर्यातकों की समस्याओं के त्वरित व सुगम निस्तारण के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन ब्यूरो का गठन।
4-    निर्यातकों के लिए एक नई व व्यावहारिक एक्सपोर्ट सब्सिडी योजना राज्य में लागू करने की घोषणा। 
5-    भामाशाह रोजगार सृजन योजना को उद्यमियों के हित में ब्याज अनुदान एवं परियोजना हेतु बैंक ऋण सीमा को बढ़ाकर और अधिक व्यावहारिक बनाकर संशोधित योजना राज्य में लागू किये जाने की घोषणा। 
6-    लघु क्षेत्र के उद्यमियों के विलम्बित भुगतान के प्रकरणों का शीघ्रातिशीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्टेट फेसिलिटेशन काउंसिल को रि-ऑर्गेनाइज कर एक से अधिक काउंसिल बनाई जाएगी, जिसमें लीगल एक्सपर्ट और आर्बिट्रेटर्स सम्मिलित होंगे एवं आर्बिट्रेटर्स को एम्पेनल किया जा सकेगा। 

मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देश 
1-    जीएसटी व्यवस्था के कारण RIPS-2014 (रिप्स-2014) के अन्तर्गत उद्यमियों को लाभ प्राप्त करने में आ रही कठिनाइयों के निराकरण के लिए इस योजना में आवश्यक संशोधन किये जाएं। 
2-    डीम्ड कन्वर्जन ऑफ एग्रीकल्चरल लैण्ड इन रूरल एरियाज फॉर एग्रो बेस्ड यूनिट्स के अन्तर्गत प्रावधानों को और व्यावहारिक एवं सरल बनाएं। 
3-    इसी प्रकार लैण्ड कन्वर्जन के मामलों में टाउन प्लानर की तकनीकी राय लिये जाने की बाध्यता समाप्त। 
4-    ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों हेतु आवंटित भूमि पर उद्योग स्थापना में लगने वाले समय में दो बार वृद्धि किये जाने के अधिकार आवंटन प्राधिकारी को दिये जाने हेतु नियमों में आवश्यक संशोधन किए जाएं। 
5-    राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कन्सेंट के बिना कार्यरत इकाइयों के लिए एक नई स्पेशल डिस्पेंशन योजना निर्धारित समयावधि के लिए राज्य में लागू की जाए।