Tuesday, April 23, 2024
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GST में बनेगा अब एक नया स्लेब, काउंसिल की मार्च में होने वाली बैठक में तय होगा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार गुड्स एवं सर्विसेज टैक्स (GST) के 12% और 18% के स्लैब को मिलाकर एक नया स्लैब बनाने के पक्ष में है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। अधिकारी के मुताबिक, कुछ राज्य लंबे समय से इन दोनों स्लैब को मिलाकर नया स्लैब बनाने की मांग कर रहे थे। अब 15वें वित्त आयोग ने भी इसकी वकालत की है।

GST से जुड़े फैसले लेने वाली GST काउंसिल की मार्च में बैठक होने जा रही है। अधिकारी के मुताबिक, इस बैठक में GST काउंसिल दोनों स्लैब को मिलाकर नया स्लैब बनाने पर विचार कर सकती है। मौजूदा समय में कीमती पत्थर और धातु पर 0.25% और 3% के स्पेशल रेट को छोड़कर देश में चार प्रमुख GST स्लैब हैं। इसमें 5%, 12%, 18% और 28% के टैक्स स्लैब हैं। इसके अलावा लग्जरी और डीमेरिट वस्तुओं जैसे ऑटोमोबाइल, तंबाकू और ड्रिंक पर सेस लगता है।

अधिकारी का कहना है कि सरकार के भीतर दोनों टैक्स स्लैब के विलय को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है। इस पर GST काउंसिल की मार्च में होने वाली बैठक में भी विचार हो सकता है। इसके लिए राज्यों की मंजूरी की भी आवश्यकता है।

17 प्रकार के टैक्स को मिलाकर बनाया था एक GST
सरकार ने 17 प्रकार के केंद्रीय और राज्यों के टैक्स को मिलाकर GST बनाया था। जब GST बनाया गया था, तब यह माना गया था कि इस कदम से राज्यों और केंद्र के टैक्स रेवेन्यू पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, GST रेट में कई बार कटौती के कारण टैक्स रेवेन्यू में गिरावट आई है। इसको सही करने के लक्ष्य से टैक्स स्लैब में बदलाव किया जाएगा।

कुछ चीजें महंगी होंगी और कुछ सस्ती
अर्नेंस्ट एंड यंग (EY) इंडिया के टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन का कहना है कि यदि 12% और 18% के टैक्स स्लैब को मिलाकर इनके मध्य का नया स्लैब बनाया जाता है तो 12% के दायरे में आने वाली वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी होगी। इस पर कारोबारों और उपभोक्ताओं की कैसी प्रतिक्रिया होगी, यह देखने वाली बात होगी? वहीं 18% के टैक्स स्लैब में आने वाली वस्तुओं की कीमतों में गिरावट होगी। यह उपभोक्ताओं के लिए फायदे की बात होगी।

GST स्लैब में बदलाव से यह असर होगा
यदि काउंसिल सिंगल रेट को मंजूरी दे देती है तो घी, मक्खन, चीज, चश्मा, मोबाइल फोन और इनके उपकरण, 100 रुपए से कम की फिल्म टिकट, कलर टेलीविजन और वीडियो कैमरा जैसी वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। वहीं, साबुन, रसोई का सामान, कपड़े, अगरबत्ती, 100 रुपए से ज्यादा की फिल्म टिकट, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम, प्रेशर स्टोव और हैंडीक्राफ्ट का सामान महंगा हो सकता है। हालांकि, अलग-अलग सामान पर टैक्स रेट का अंतिम फैसला फिटमेंट पैनल लेगा।

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मुनाफावसूली से सेंसेक्स 434 अंक लुढ़क कर 50,889 पर बंद

मुंबई। शेयर बाजार में शुक्रवार को लगातार चौथे दिन गिरावट दर्ज की गई। निवेशकों की मुनाफावसूली से BSE सेंसेक्स 434.93 अंकों की गिरावट के साथ 50,889.76 पर बंद हुआ है, जबकि चार दिन में यह 1,264 अंक फिसला। सेंसेक्स 15 फरवरी यानी सोमवार को 609 अंकों की बढ़त के साथ 52,154.13 पर बंद हुआ था।

LKP सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड एस रंगनाथन ने कहा कि बाजार पर महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना मामलों का असर रहा। इसके चलते PSU इंडेक्स आज 5% फिसल गया, जो पिछले दो दिन में 12% चढ़ा था।

निवेशकों को सरकारी बैंकों के शेयरों ने किया खुश
बाजार में चार दिनों की मुनाफावसूली के बीच सरकारी बैंकिंग शेयरों में सबसे ज्यादा खरीदारी हुई। PSU बैंक इंडेक्स सबसे ज्यादा 10.7% चढ़ा है। दूसरी ओर फार्मा और ऑटो सेक्टर ने निवेशकों को निराश किया। क्योंकि दोनों इंडेक्स इस सप्ताह 3-3% से ज्यादा टूटे। सुबह सेंसेक्स 86.67 अंक नीचे 51,238.02 पर और निफ्टी भी 44.15 अंकों की गिरावट के साथ 15,074.80 पर खुला था।

HDFC सिक्योरिटीज में रिटेल रिसर्च हेड दीपक जसानी ने कहा कि लगातार बढ़त के बीच बाजार में निवेशकों ने मुनाफावसूली की। अगले हफ्ते की शुरुआत में खरीदारी लौटती है तो निफ्टी 15,030-15,060 के ऊपर रह सकता है और यह 15,240 तक पहुंच सकता है, जबकि बिकवाली के हाल में इंडेक्स कम अवधि में 14,753-14,900 तक पहुंच सकता है।

शुक्रवार को बाजार में गिरावट की बड़ी वजह –

  • कमजोर ग्लोबल संकेत: अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते एशियाई बाजारों में सुस्ती का असर रहा।
  • कोरोना महामारी: BMC ने मुंबई में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए नई गाइडलाइन जारी किया है।
  • बैंक और फाइनेंशियल शेयरों में गिरावट: बजाज फाइनेंस, ICICI बैंक, HDFC के दोनों के शेयरों में गिरावट रही।

खास बात यह है कि जिन चार सरकारी बैंकों के निजीकरण की खबरें थीं, उनके शेयर 10-10%तक फिसले, जबकि 3 दिन तक यह लगातार 20-20% बढ़े थे। इसके अलावा SBI, PNB, कैनरा बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयर भी 5-5% नीचे बंद हुए हैं। इसके चलते निफ्टी PSU बैंक इंडेक्स सबसे ज्यादा 4.76% फिसलकर 2,464.90 अंकों पर बंद हुआ है। NSE निफ्टी इंडेक्स 137.20 अंक नीचे 14,981.75 पर बंद हुआ है।

एक्सचेंज पर 61% शेयरों में गिरावट
एक्सचेंज पर 3,131 शेयरों में कारोबार हुआ है। इसमें 1,182 शेयर बढ़त और 1,779 गिरावट के साथ बंद हुए हैं। लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप भी घटकर 203.98 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यह 18 फरवरी को 205.93 लाख करोड़ रुपए था। सेंसेक्स 379.14 अंकों की गिरावट के साथ 51,324.69 पर और निफ्टी 89.95 अंक नीचे 15,118.95 पर बंद हुआ था। NSE के प्रोविजनल डेटा के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 903.07 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 1,217.34 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे

Moto E7 Power भारत में लॉन्च, जानें कीमत व स्पेसिफिकेशन्स

नई दिल्ली। Motorola ने भारत में अपना बजट हैंडसेट Moto E7 Power लॉन्च कर दिया है। मोटो ई7 पावर में 2 जीबी रैम/4 जीबी रैम के साथ 32 जीबी/64 जीबी इनबिल्ट स्टोरेज के साथ लॉन्च किया गया है। फोन को देश में 8 हजार रुपये से कम दाम में उपलब्ध कराया गया है। फोन में 6.5 मैक्स विज़न एचडी+ डिस्प्ले के साथ लॉन्च किया गया है। कंपनी का कहना है कि मोटो ई7 पावर को पूरी तरह से भारत में बनाया गया है। आइये जानते हैं मोटो ई7 पावर की कीमत, स्पेसिफिकेशन्स और फीचर्स के बारे में सबकुछ…

दाम और उपलब्धता:मोटो ई7 पावर के 2 जीबी रैम 32 जीबी स्टोरेज की कीमत 7,499 रुपये है। वहीं 4 जीबी रैम व 64 जीबी स्टोरेज वेरियंट की कीमत 8,299 रुपये है। फोन की सेल 26 फरवरी से दोपहर 12 बजे होगी। हैंडसेट को ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट और लीडिंग रिटेल आउटलेट्स पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। हैंडसेट को ब्लू और कोरल रेड कलर में लॉन्च किया गया है।

स्पेसिफिकेशन्स:मोटो ई7 पावर में 6.5 इंच मैक्स विज़न एचडी+ डिस्प्ले दी गई है। स्क्रीन का आस्पेक्ट रेशियो 20:9 है। फोन में ऑक्टा-कोर मीडियाटेक हीलियो G25 प्रोसेसर दिया गया है। हैंडसेट में 2 जीबी रैम व 32 जीबी इनबिल्ट स्टोरेज और 4 जीबी रैम व 64 जीबी इनबिल्ट स्टोरेज दी गई है। फोन की स्टोरेज को माइक्रोएसडी कार्ड के जरिए 1TB तक बढ़ाया जा सकता है।

मोटो ई7 पावर में 13 मेगापिक्सल प्राइमरी कैमरे और 2 मेगापिक्सल मैक्रो के साथ ड्यूल रियर कैमरा सेटअप है। सेल्फी और विडियो के लिए 5 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा दिया गया है। रियर कैमरा पोर्ट्रेट मोड, पैनोरमा, फेस ब्यूटी, HDR जैसे फीचर्स दिए गए हैं।

मोटो के इस स्मार्टफोन में 4G VoLTE, टाइप-सी यूएसबी चार्जर और IP52 रेटिंग जैसी खूबियां दी गई हैं। हैंडसेट को पावर देने के लिए 5000mAh बैटरी दी गई है। कंपनी का कहना है कि सिंगल चार्ज में दो दिन तक की बैटरी लाइफ मिल जाएगी। हैंडसेट में सिक्यॉरिटी के लिए फिंगरप्रिंट सेंसर दिया गया है। फोन में गूगल असिस्टेंट के लिए एक अलग बटन दिया गया है।

Hyundai भारतीय बाजार में 3,200 करोड़ रुपये का और निवेश करेगी

नई दिल्ली। भारतीय बाजार में 1998 में ही प्रवेश करने वाली दक्षिण कोरियाई कार कंपनी ह्यूंदै मोटर इंडिया लिमिटेड (Hyundai Motor India Limited- HMIL) अभी भी विस्तार की राह पर है। कंपनी का कहना है कि अगले चार वर्षों के दौरान कंपनी अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो (Product Portfolio) में विस्तार के लिए 3200 करोड़ रुपये का और निवेश करेगी। इसमें कारों के नए मॉडल की लांचिंग तो है ही, इलेक्ट्रिक कारों (Electric vehicle) के एक सीरिज की भी लांचिंग शामिल है। अभी तक कंपनी भारतीय बाजार में चार अरब डॉलर ($4 Billoin) का निवेश कर चुकी है।

ह्यूंदै के भारतीय मैनेजमेंट का कहना है कि अब कंपनी का ध्यान इलेक्ट्रिक व्हीकल (E vehicle) पर है। भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है और इस पर कई तरह के राजकोषीय प्रोत्साहन भी है। इसलिए कंपनी ने भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक कारों के मॉडल को लांच कर दिया है। इसने अपने ई एसयूवी कोना को पहले ही लांच कर दिया है।

लेकिन इसकी कीमत 24 लाख रुपये के करीब होने के कारण इसे हर कोई खरीद नहीं पा रहे हैं। मैनेजमेंंट का कहना है कि जब तक यह अफोर्डेबल नहीं होगा, तब तक इसे आम आदमी नहीं अपना पाएंगे। यह प्रोडक्ट भी अफोर्डेबल हो सके, इसके लिए भारत में भी इलेक्ट्रिक कारों के लिए एक अलग प्रोडक्ट लाइन बनाया जाएगा। इसमें करीब 1000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना है।

कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि इस समय इलेक्ट्रिक कारों के लिए जो भी बैटरी पैक भारतीय कार प्लांट में आ रहे हैं वह चीन में ही बने हैं। कुछ बैटरी पैक भारत में भी बन रहे हैं, लेकिन उसके सेल भारत में नहीं बन रहे। वे या तो चीन में बनते हैं या फिर कोरिया में। यहां सिर्फ उसकी पैकिंग हो रही है। जब तक बैटरी सेल भारत में नहीं बनेंगे, तब तक इसकी कीमतों में उल्लेखनीय कमी नहीं होगीं और जब तक इसकी कीमत कम नहीं होगी, इसे आम लोग नहीं अपना पाएंगे।

भारत में 25 वर्ष हो चुके हैं पूरे
ह्यूंदै (Hyundai) ने भारतीय बाजार में अपना सफर 6 मई 1996 को शुरू किया था। इसने भारत में ही प्रोडक्शन कर सितंबर 1998 में अपनी पहली लोकल मॉडल सेंट्रो (Santro) को बाजार में उतार दिया था। इसके बाद इसकी ऐसी रणनीति रही यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता बन गई। इस समय इसका घरेलू कार बाजार में 17 फीसदी की हिस्सेदारी है। यही नहीं, यह भारत से पैसेंजर कारों का एक्सपोर्ट करने वाली सबसे बड़ी कंपनी के रूप में खुद को स्थापित किया।

रिजर्व बैंक डिजिटल पेमेंट में फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए एक्शन में

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेमेंट सिक्योरिटी के नियमों को और कड़ा कर दिया है। इसकी वजह बढ़ रहे ऑनलाइन फ्रॉड (Online Payment Frauds) हैं। RBI ने डिजिटल पेमेंट के सिक्योरिटी कंट्रोल के मामले में बैंकों व अन्य रेगुलेटेड एंटिटीज को थर्ड पार्टी द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले पेमेंट ऐप्स के लिए और जिम्मेदार बनाते हुए एक नया निर्देश जारी किया है।

इसमें कॉमन मिनिमम स्टैंडर्ड्स रखे गए हैं। अब डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए थर्ड पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल लेने वाले बैंकों को एस्क्रो में ऐप्स का सोर्स कोड भी रखना होगा। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है अभी कि ये केवल बैंक के उन प्रोपराइटरी ऐप्स पर लागू होगा, जिन्हें थर्ड पार्टी ने बनया है या फिर सभी थर्ड पार्टी ऐप्स पर।

RBI के नए 21 पेज के मास्टर सर्कुलर के निर्देशों के मुताबिक, अब बैंकों को अपने डिजिटल पेमेंट ऐप्स के सोर्स कोड के रिव्यू, वलनरेबिलिटी असेसमेंट और पेनीट्रेशन टेस्टिंग समेत सिक्योरिटी टेस्टिंग करनी होगी। ऐसा इसलिए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि ऐप ट्रांजेक्शंस के लिए सुरक्षित हैं और डाटा की गोपनीयता व इंटीग्रिटी को बरकरार रखते हैं।सभी रेगुलेटेड एंटिटीज को अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए केन्द्रीय बैंक ने 6 माह का वक्त दिया है।

RBI का मास्टर डायरेक्शन इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल पेमेंट्स, कार्ड पेमेंट्स, कस्टमर प्रोटेक्शन और ग्रीवांस रिड्रेसल मैकनिज्म के लिए दिशा निर्देश देता है। यह पहली बार है, जब RBI ने डिजिटल पेमेंट्स के ऑपरेशनल पार्ट में दखल दिया है। इससे पहले केन्द्रीय बैंक नियमों को तय करने की जिम्मेदारी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) पर छोड़ देता था।

अभी अगर थर्ड पार्टी अनरेगुलेटेड एंटिटी की ओर से कोई डाटा लीक होता है या सेंधमारी होती है तो उसके लिए बैंक जिम्मेदार होते हैं। बैंकर्स का कहना है कि अगर ये नए नियम UPI (Unified Payment Interface) के लिए थर्ड पार्टी ऐप्स पर लागू हुए तो प्रभाव व्यापक होंगे। UPI पेमेंट्स के मामले में बाजार पर इस वक्त गूगल पे (GPay), फोनपे (PhonePe), अमेजन पे (Amazon Pay) जैसे थर्ड पार्टी ऐप्स का कब्जा है। अब तो वॉट्सऐप (WhatsApp) की भी पेमेंट सर्विस देश में शुरू हो चुकी है तो वह भी डिजिटल पेमेंट में बड़ी पारी खेलने की तैयारी में है।

WHO सर्टिफाइड है कोरोना की दवा ‘कोरोन‍िल’ बाबा रामदेव का दावा

नई दिल्‍ली। पतंजलि योगपीठ के बाबा रामदेव ने कोविड-19 के लिए दवा फिर से लॉन्‍च की है। शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामदेव के साथ केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे। रामदेव ने दावा किया कि पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट की यह दवा विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) से सर्टिफाइड है। दावा है कि WHO ने इसे GMP यानी ‘गुड मैनुफैक्‍चरिंग प्रैक्टिस’ का सर्टिफिके‍ट दिया है। रामदेव ने कहा क‍ि यह दवा ‘एविडेंस बेस्‍ड’ है। रामदेव ने इस मौके पर एक रिसर्च बुक भी लॉन्‍च की है। रामदेव ने कहा, “कोरोनिल के संदर्भ में नौ रिसर्च पेपर दुनिया के सबसे ज्‍यादा प्रभाव वाले रिसर्च जर्नल्‍स में प्रकाशित हो चुके हैं। 16 रिसर्च पेपर पाइपलाइन में हैं।”

पतंजलि ने पिछले साल जून में ‘कोरोना किट’ लॉन्‍च की थी। इसपर खासा विवाद हुआ था। आयुष मंत्रालय ने कहा था कि पतंजलि ‘कोरोनिल’ को केवल शरीर की ‘रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने’ वाली बताकर बेच सकता है। रामदेव ने ‘कोरोनिल’ को तब कोविड-19 की दवा के रूप में लॉन्‍च किया था मगर विवाद के बाद वह उसे बीमारी का असर कम करने वाली दवा कहने लगे थे। रामदेव ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा था कि “मंत्रालय ने उनसे ‘कोविड का इलाज’ की जगह ‘कोविड प्रबंधन’ शब्द का इस्तेमाल करने के लिए कहा है।”

23 जून 2020 को रामदेव ने ‘कोरोनिल’ लांच करते हुए इससे कोविड-19 मरीजों को ठीक करने का दावा किया था। इसके लांच होते ही देश में विवाद छिड़ गया। उत्तराखंड के आयुष विभाग ने भी कोरोना की दवा बनाने की कोई अनुमति या लाइसेंस नहीं लिए जाने की बात कहते हुए पतंजलि आयुर्वेद को नोटिस जारी किया था।

एक्ट्रेस हिना ख़ान ने चलते वीडियो में बदल दिए अपने कपड़े, देखिए कैसे

नई दिल्ली। फेमस एक्ट्रेस हिना ख़ान इन दिनों अपने सीरियल या फिल्मों की वजह से नहीं, बल्कि अपने सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से ज्यादा चर्चा में रहती हैं। पिछले कुछ सालों में हिना में जबरदस्त ट्रांस्फॉर्मेशन आया है और इसका सबूत है उनकी हॉट फोटोज़ से भरा उनका इंस्टाग्राम अकाउंट। अगर आप हिना की पहले की फोटोज़ देखेंगे और अब उन्हें देखेंगे तो आपको ज़मीन-आसमान का फर्क दिखेगे।

हिना पहले जितनी सिंपल थीं अब उतनी ही बोल्ड हो गई हैं। एक्ट्रेस अपनी एक से बढ़कर एक बोल्ड फोटोज़ और वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर करती रहती हैं। हाल ही में एक्ट्रेस ने अपना एक बेहद सेक्सी वीडियो इंस्टा अकाउंट पर शेयर किया है जो काफी वायरल हो रहा है। अगर हम ये कहें कि ये हिना का अब तक का सबसे हॉट वीडियो है तो शायद गलत नहीं होगा।

इस वीडियो में हिना के कपड़े चेंज होते दिख रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है एक्ट्रेस पहले सफेद शर्ट, ब्लैक शॉर्ट्स और डेनिम जैकेट पहने हुए हैं। इसके बाद वीडियो शुरू होता है और अचानक हिना के कपड़े बदल जाते हैं और एक्ट्रेस स्पोर्ट्स ब्रा और शॉर्ट्स में नज़र आने लग जाती हैं। इस दौरान हिना एक अंग्रेजी गाने पर लिप्सिंग करते हुए बोल्ड मूव्स कर रही हैं जो उनके फैंस को काफी पसंद आ रहे हैं। इस वीडियो में हिना का अलग अंदाज़ फैंस को खूब लुभा रहा है। हिना सोशल मीडिया पर जबरदस्त एक्टिव हैं। लगभग रोज़ वो अपनी एक न एक फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर करती ही हैं।

आपको बता दें कि हिना छोटे पर्दे की बहुत फेमस एक्ट्रेस हैं। ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ सीरियल से अक्षरा के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली हिना ‘फीयर फेक्टर खतरों के खिलाड़ी 8’ और ‘बिग बॉस 11’ में भी नज़र आ चुकी हैं। इसके अलावा हिना एकता कपूर के दो हिट सीरियल ‘कसौटी ज़िंदगी के’ और ‘नागिन 5’ में भी नज़र आई थीं। हाल ही में हिना बिग बॉस 14 में भी बतौर सीनियर बनकर पहुंची थीं। एक्ट्रेस वैसे अब सीरियल्स के अलावा फिल्मों का भी रुख कर चुकी हैं। साल 2020 में हिना शॉर्ट फिल्म ‘स्मार्ट फोन’ ‘हैक्ड’ और ज़ी5 पर रिलीज़ हुई फिल्म ‘अनलॉक में नज़र आई थीं’।

NASA का रोवर मंगल पर पहुंचा, ऑपरेशन लीड कर रही है भारतीय मूल की स्वाति

नई दिल्ली। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ द्वारा भेजा गया रोवर बृहस्पतिवार को मंगल ग्रह पर उतरने की दिशा में चल पड़ा। रोवर को किसी ग्रह की सतह पर उतारना अंतरिक्ष विज्ञान में सबसे जोखिम भरा कार्य होता है। इस ऐतिहासिक मिशन का हिस्सा बनने वाले वैज्ञानिकों में भारतीय-अमेरिकी डॉ. स्वाति मोहन ने भी अहम भूमिका निभाई है।

डॉ. स्वाति मोहन एक भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक हैं, जो विकास प्रक्रिया के दौरान प्रमुख सिस्टम इंजीनियर होने के अलावा, टीम की देखभाल भी करती हैं और गाइडेंस, नेविगेशन और कंट्रोल (GN & C) के लिए मिशन कंट्रोल स्टाफिंग का शेड्यूल करती हैं। नासा की वैज्ञानिक डॉ. स्वाति तब सिर्फ एक साल की थीं जब वह भारत से अमेरिका गईं थी। उन्होंने अपना ज्यादातर बचपन उत्तरी वर्जीनिया-वाशिंगटन डीसी मेट्रो क्षेत्र में बिताया।

स्वाति जब मात्र नौ साल की थी तब पहली बार उन्होंने ‘स्टार ट्रेक’ देखी थी। वह ब्रह्मांड के नए क्षेत्रों के सुंदर चित्रण से काफी हैरान थीं. इसके तुरंत बाद उन्होंने महसूस किया कि वह ब्रह्मांड में नए और सुंदर स्थान ढूंढना चाहती हैं।16 वर्ष की उम्र तक स्वाति बाल रोग विशेषज्ञ बनना चाहती थीं।

स्वाति ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और एयरोनॉटिक्स/एस्ट्रोनॉटिक्स में एमआईटी से एमएस और पीएचडी पूरी की। वे सीए में नासा के जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला में शुरुआत से ही मार्स रोवर मिशन की सदस्य रही हैं, इसके साथ ही स्वाति नासा के विभिन्न महत्वपूर्ण मिशनों का हिस्सा भी रही हैं। भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक ने कैसिनी और ग्रेल परियोजनाओं पर भी काम किया है।

नासा की कैलिफोर्निया स्थित जेट प्रपल्सन लेबरोटरी में पर्सेवरेंस को लाल ग्रह की सतह पर उतारने को लेकर लोगों में उत्साह चरम पर था। भारतीय समय के अनुसार रात 2 बजकर 25 मिनट पर इस मार्स रोवर ने लाल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड किया।

छह पहिए वाला यह उपकरण मंगल ग्रह पर उतरकर जानकारी जुटाएगा और ऐसी चट्टानें लेकर आएगा जिनसे इन सवालों का जवाब मिल सकता है कि क्या कभी लाल ग्रह पर जीवन था। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कभी मंगल ग्रह पर जीवन रहा भी था तो वह तीन से चार अरब साल पहले रहा होगा, जब ग्रह पर पानी बहता था।

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि रोवर से दर्शनशास्त्र, धर्मशास्त्र और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े एक मुख्य सवाल का जवाब मिल सकता है। इस परियोजना के वैज्ञानिक केन विलिफोर्ड ने कहा, ‘‘ क्या हम इस विशाल ब्रह्मांड रूपी रेगिस्तान में अकेले हैं या कहीं और भी जीवन है? क्या जीवन कभी भी, कहीं भी अनुकूल परिस्थितियों की देन होता है?’’ ‘पर्सविरन्स’ नासा द्वारा भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा रोवर है। 1970 के दशक के बाद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का यह नौवां मंगल अभियान है।

स्मार्टफोन गुम होने पर Google Map करेगा ढूंढने में आपकी मदद, जानिए कैसे

नई दिल्ली। स्मार्टफोन (Smartphone) आज हम सब की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। ज्यादातर लोग अपना सबसे ज्यादा समय अपने फ़ोन के साथ बिता रहे हैं। लेकिन ऐसे में अगर आपका स्मार्टफोन खो जाएं या चोरी हो जाए तो काफी परेशानी हो जाती है। फोन चोरी या खोने जाने पर यूजर्स को अक्सर अपने डेटा की चिंता रहती है। ऐसे आज हम आपको एक ऐसे ट्रिक के बारे में बता रहे हैं जिसकी मदद से आप खोए हुए या चोरी हुए स्मार्टफोन को आसानी से ढूंढ सकते हैं।

Google Maps से ऐसे खोजें अपना स्मार्टफोन

  • अगर आप एंड्राइड यूजर हैं तो के पास Find My Device फीचर मौजुद होता है। ये फीचर्स उन जगहों और लोकेशन को ट्रेक करता है जहां आप गए होते हैं। वहीं एप्पल यूजर्स के पास यह फीचर Find My Phone के नाम से मौजुद होता है।
  • गूगल मैप की मदद से गुम हुए स्मार्टफोन के ढूंढने के लिए पहले आपके पास फोन या लैपटॉप होना चाहिए जिसमें इंटरनेट कनैक्ट हो। इसके साथ ही आपको अपने Gmail अकाउंट का पासवर्ड और ID याद होनी चाहिए।
  • सबसे पहले गूगल पर www.googlemaps.google.co.in टाइप करें। इसके बाद आपके पास गूगल मैप्स ओपन हो जाएगा।
  • यहां आपको वो Google ID डालनी होगी, जो आपके गुम हुए स्मार्टफोन से लिंक्ड थी। आईडी साइन इन (Sign-In) होने के बाद ऊपर राइट साइड में 3 डॉट दिखाई देंगे।
  • उन पर क्लिक करने के बाद आपको Your Timeline ऑप्शन नजर आएगा। Your TimeLine ऑप्शन को चुनने के बाद आपको साल, महिना और दिन डालना होगा जिस दिन की आप लोकेशन हिस्ट्री (Location History) जानना चाहतें हैं। सभी जानकारी को भरने के बाद आपकी Location History आपको दिखाई देने लगेगी।

आप चाहें तो इस फीचर को किसी भी एंड्रॉयड फोन में मौजूद गूगल मैप्स में इस्तेमाल कर सकते हैं। गूगल मैप्स में वहीं ID साइन इन करें जो आपके मोबाइल से लिंक थी। इस फीचर को हैंडसेट में इस्तेमाल करने का तरीका भी एक सामान है। ये फीचर तभी ठीक तरह से काम करेगा जब आपका मोबाइल और उसमें मौजूद लोकेशन सर्विस फीचर ओन हो।

निवेशकों की मुनाफावसूली जारी रहने से सेंसेक्स 272 अंक टूट कर 51,051 पर

मुंबई। शेयर बाजारों में शुक्रवार को लगातार चौथे दिन गिरावट है। निवेशकों की मुनाफावसूली जारी रहने से BSE सेंसेक्स 272 अंकों की गिरावट के साथ 51,051.90 पर कारोबार कर रहा है। इंडेक्स में पावर ग्रिड के शेयर में सबसे ज्यादा 3% की गिरावट है। हालांकि, ओवरऑल गिरावट में बैंकिंग और ऑटो शेयर सबसे आगे हैं। एक्सचेंज पर ऑटो इंडेक्स, बैंक इंडेक्स और मेटल इंडेक्स में 1-1% से ज्यादा की गिरावट है। निफ्टी भी 84 अंक नीचे 15,034.80 पर कारोबार कर रहा है। सबुह 9:15 AM बजे सेंसेक्स 86.67 अंक नीचे 51,238.02 पर और निफ्टी भी 44.15 अंकों की गिरावट के साथ 15,074.80 पर खुला।

एक्सचेंज पर 2,116 शेयरों में कारोबार कर रहा है। इसमें 958 शेयर बढ़त और 1,068 गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप भी घटकर 205.47 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यह 18 फरवरी को 205.93 लाख करोड़ रुपए था।

ग्लोबल मार्केट में बिकवाली
दुनियाभर के शेयर बाजारों में शुक्रवार को भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। जापान का निक्केई इंडेक्स 347 अंकों की गिरावट के साथ 29,888 पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह हॉन्गकॉन्ग के हेंगसेंग, ऑस्ट्रेलिया के ऑल ऑर्डिनरीज, कोरिया के कोस्पी और चीन के शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में भी 1-1% की गिरावट है। इससे पहले गुरुवार को अमेरिका का डाओ जोंस इंडेक्स 119 अंक, नैस्डैक इंडेक्स 100 अंक और S&P 500 इंडेक्स 17 अंक नीचे बंद हुए थे। यूरोप में ब्रिटेन का FTSE इंडेक्स 1.40% नीचे बंद हुआ था।

बाजार में गुरुवार को भी मुनाफावसूली रही
शेयर बाजार में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट दर्ज की गई थी। सेंसेक्स 379.14 अंकों की गिरावट के साथ 51,324.69 पर और निफ्टी 89.95 अंक नीचे 15,118.95 पर बंद हुआ था। NSE के प्रोविजनल डेटा के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 903.07 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 1,217.34 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे।